डेंगू के मद्देनजर जिला पदाधिकारी ने दिया नगर आयुक्त को सतर्क रहने का निर्देश
- डेंगू को लेकर हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक
- सभी विभाग मिलकर फैलाए जागरूकता संदेश
सीतामढ़ी। डेंगू की रोकथाम को लेकर समाहरणालय के परिचर्चा भवन मे जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता मे जिला टास्क फोर्स की बैठक संपंन हुई। बैठक में जिला पदाधिकारी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका, के पदाधिकारियों को डेंगू के रोकथाम व उपचार की तैयारी को लेकर कहा कि सभी विभाग डेंगू से बचाव संबंधी प्रचार प्रसार व जागरूकता अभियान चलाएँ। विद्यालयों मे छात्रों को प्रार्थना सभा में तथा दीवाल लेखन के माध्यम से जानकारी दी जाए। जिविका दीदियों तथा आशा एवं आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा भी जन समुदाय के बीच डेंगू से बचाव की जानकरी दी जाय। सिविल सर्जन डॉ एस सी लाल ने सभी प्रथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे दो बेड तथा सदर अस्पताल मे 10 बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखने तथा सभी पर मच्छरदानी लगे होने संबंधी निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को किया अलर्ट:
डेंगू के मद्देनजर जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को अलर्ट रहने का निर्देश दिया और कहा कि नगर निगम के जल जमाव वाले इलाको जहाँ डेंगू के मच्छर पनपने की संभावना है, वहाँ लार्विसाईडल टेमिफोस का छिड़काव तथा संध्या पूर्व फॉगिंग करवाने की व्यवस्था की जाय।
इससे पूर्व जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने दृश्य श्रव्य माध्यम से डेंगू के कारण, लक्षण व बचाव विशेषकर डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर के प्रजनन को रोकने के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एडिस मच्छर साफ पानी मे पनपते हैं विशेष कर घरों के अन्दर तथा आसपास बिखरे हुए समानो (बर्तन, गमले , टायर , नारियल के खोपड़े, डिस्पोजिबल कप आदि मे बर्षा का पानी जमा होने के करण पनपते हैं। अतः हमे ऐसे कचड़ो का सही निस्तारण करना चाहिए। घरों में पानी भंडारण के टैंक, बाल्टी आदि को सदैव ढँक कर रखना चाहिए। कूलर, फ्रिज के पानी को सप्ताह में दो बार अवश्य बदलना चाहिए। अपने घरों के आसपास कोई भी वस्तु ऐसी न रखें जिसमे बारिश का पानी जमा हो, वरन उसमे एडिस के मच्छर अंडे दे सकते हैं और आप डेंगू की चपेट मे आ सकते हैं। एडिस मच्छर दिन में विशेषकर सूर्योदय के 2 घंटे बाद तथा सूर्यास्त के दो घंटे पहले अधिकतर काटते हैं। अतः हमे पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए। दिन में भी सोने पर मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती या क्रीम का भी उपयोग किया जा सकता है। सभी को अपने घरों के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए तथा पानी जमा करने वाले कचड़े का सही और नियमित निस्तारण करना चाहिए। फॉगिंग के समय घर के सारे खिड़की और दरवाजे खोल कर रखें ताकि उसका धुआं घर में प्रवेश कर पाए।
डेंगू से बचाव सामूहिक जिम्मेवारी:
डॉ यादव ने बताया कि डेंगू से बचाव सबों की सामूहिक जिम्मेवारी है। समुदाय की सहभागिता तथा जागरूकता से हम इसे रोक सकते हैं। डेंगू की शुरूआत मे फ्लू जैसे ही लक्षण आते हैं। बाद मे तेज सिरदर्द (खासकर आँखो के पीछे दर्द), बदन तथा जोड़ों मे दर्द, उल्टी, बदन पर चकत्ते, मसूड़ों या नाक से रक्तश्राव, मल मे खून का आना आदि हो सकते हैं। गंभीर अवस्था मे मरीज बेहोश भी हो सकता है और सही उपचार न होने पर जान भी जा सकती है। लक्षण आने पर स्व उपचार बचें। शीघ्र नजदीकी अस्पताल में जाकर परामर्श लें। ब्रूफेन, कम्बीफ्लाम या एस्परीन आदि भूल से भी न लें।
बुखार के लिए केवल पारासिटामोल ही सुरक्षित है। पानी अधिक मात्रा मे पीयें और शीघ्र अस्पताल जाएँ। थोड़ी सी समझदारी हमें डेंगू से बचा सकती है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, गैर संचारी / संचारी रोग पदाधिकारी, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी , डी पी एम, बी एच एम, बीसी एम, शिक्षा / जीविका/ आई सी डी एस के प्रतिनिधि तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा आनन्द कुमार मौजूद थे।
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