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    जिले के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया के मरीजों की लाइन लिस्टिंग कर हो रही है जाँच

    -मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का हो रहा है वितरण 

    - बैरिया प्रखंड में 164 फाइलेरिया व 35 हाइड्रोसील के मरीज 

    बेतिया। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिले के 18 प्रखंडों में फाइलेरिया मरीजों की लाइन लिस्टिंग के साथ ही संभावित मरीजों की खोज की जा रही है। वहीं फाइलेरिया के चिह्नित मरीजों के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एमएमडीपी किट वितरित की जा रही है। जिले के डीभीडीसीओ डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि जिले की टीम द्वारा फाइलेरिया ग्रसित क्षेत्रों में जाकर पुराने रोगियों से मुलाकात की जा रही है। उनके ही क्षेत्रों में नए फाइलेरिया के मरीजों के बारे में पूछताछ की जा रही है। वहीं संभावित मरीज मिलने पर उन्हें मलेरिया ऑफिस बुलाकर उनकी जांच की जा रही है। साथ ही अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाई दी जाती है। वहीं हाथीपांव के गंभीर मरीजों को एमएमडीपी किट इस्तेमाल करने के तरीके बताए जाते हैं। उन्होंने बताया कि लाइन लिस्टिंग के दौरान जिले में कुल 3039 हाथीपांव मरीज एवं 659 हाइड्रोशील के मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि मझौलिया प्रखंड में सबसे ज्यादा 442 हाथीपाँव  एवं 88 हाइड्रोसील के मरीज हैं । 

    बैरिया प्रखंड में 50 एमएमडीपी किट  वितरित-

    फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा, श्रीकांति देवी व बीसीएम अरुण कुमार ने बताया कि हाथीपाँव के मरीजों के बीच बैरिया प्रखंड में 50 एमएमडीपी किट वितरित की गईं है। वहीं मौके पर साफ सफाई एवं देखभाल के तरीके बताए गए। केयर बीसी श्यामसुन्दर कुमार व सिंहासन चौधरी ने बताया कि हाल में ही भीतहाँ के 45 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरित की गयी थी। केयर के श्यामसुन्दर कुमार ने बताया कि रामनगर में 121 हाथीपाँव व 14 हाइड्रोसील के मरीज, योगापट्टी में 103 फाइलेरिया 15 हाइड्रोसिल के मरीज हैं। जहां विभाग द्वारा तत्काल 50-50 एमएमडीपी किट वितरित करने की योजना है। 

    प्रारंभिक लक्षणों का समय पर पहचान है जरूरी- 

    जिले के सिविल सर्जन  डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि फाइलेरिया ठीक नहीं होने वाला एक गंभीर रोग है। जिससे बचने के लिए सभी निर्धारित आयु वर्ग के लोगों को अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली एमडीए अभियान (सर्वजन दवा सेवन आभियान) के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में सेवन करनी चाहिए। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार चलाई जाती है।

    उन्होंने बताया कि इसके उन्मूलन के लिए उसके प्रारंभिक लक्षणों की समय पर पहचान जरूरी है। यदि समय पर इस बीमारी का पता लगा लिया जाए, तो उचित प्रबंधन और दवाओं के सेवन से इसे गंभीर रूप लेने से पहले रोका जा सकता है  गंभीर रूप लेने से पहले ही फाइलेरिया मरीज को उचित देखभाल के साथ नियमित व्यायाम की भी आवश्यकता होती है।

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