सुदृढ़ सामाजिक तंत्र से हारेगा टीबी, उचित परामर्श और सामाजिक सहारे की आवश्यकता: डॉ दास
- प्रत्येक महीने मनाएं निक्षय दिवस
- निक्षय मित्रों ने बांटी पोषण पोटली की दूसरी किस्त
मुजफ्फरपुर। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लक्ष्य 2025 को प्राप्त करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में दूसरे बैच के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर का प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान सीडीओ डॉ सी के दास ने सीएचओ से टीबी कार्यक्रमों में बढ़ कर हिस्सा लेने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रतिमाह निक्षय दिवस का आयोजन किया जाय, ताकि अधिक से अधिक टीबी संदिग्ध पकड़ में आ सकें। कार्यशाला के दौरान डॉ दास ने पीपीटी के माध्यम से राष्ट्रीय सामरिक योजना 2017-25 के बारे में विस्तार से बताया। डॉ दास ने बताया कि टीबी किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है। अगर दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, भूख में कमी, वजन का लगातार गिरना, बुखार, बलगम में खून या छाती में दर्द रहे तो तुरंत ही टीबी की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा सीएचओ की भूमिका टीबी संक्रमण को रोकने में भी होनी चाहिए। उन्हें समुदाय को बताना होगा कि अगर आप सार्वजनिक स्थल या भीड़ भाड़ वाले जगहों पर जा रहें हैं तो दूसरों से दूरी बनाएं रखें या मास्क का उपयोग करें। इसके अलावा टीबी कहां कहां होती है, कितने प्रकार की होती है की जानकारी सीएचओ को प्रदान की गयी। डॉ दास ने टीबी के प्रकार के अनुसार उपयुक्त जांच के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि टीबी से ग्रसित लोगों को उचित परामर्श, सामाजिक सहारे की बहुत जरुरत होती है। एक सुदृढ़ सामाजिक तंत्र टीबी से ग्रसित व्यक्ति को निराशा और इलाज से हार मानने से रोक सकता है।
पोषण पोटली का हुआ वितरण:
जिला यक्ष्मा विभाग में सीडीओ डॉ सीके दास, डीपीओ आईसीडीएस चांदनी सिंह, डीसी एनएनएम सुषमा सुमन ने यक्ष्मा मरीजों को पोषण पोटली की किस्त दी। पोषण पोटली में अंडा, चना और प्रोटीन से युक्त खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। कार्यशाला के दौरान डब्ल्यूएचओ से डॉ कुमार गौरव, रीच संस्था के गौहर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे।
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