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    नाईट ब्लड सर्वे का उत्सव में तब्दील होना फाइलेरिया उन्मूलन की राह करेगा आसान

    •राज्य के 14 जिलों में प्रखंड स्तर पर किया जा रहा नाईट ब्लड सर्वे

    •फाइलेरिया के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने टीम के साथ रात्रि में किया दौरा 

    •राज्य स्तरीय नेतृत्व नाईट ब्लड सर्वे को सफ़ल बनाने में जुटा 

    •देश में लगभग 65 करोड़ आबादी फाइलेरिया संक्रमण के ख़तरे में 

    पटना: देश से 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को साकार करने में बिहार की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होने वाली है. देश को 14 दिनों का एमडीए प्लान मुहैया करा कर बिहार पहले ही फाइलेरिया उन्मूलन की प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर चुका है. फाइलेरिया उन्मूलन में नाईट ब्लड सर्वे पहली कड़ी के रूप में जाना जाता है. जिसके तहत रात्रि में 8.30 बजे से 12 बजे तक लोगों के ब्लड सैंपल माइक्रो फाइलेरिया दर का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है. माइक्रो फाइलेरिया दर से यह मालूम होता है कि उक्त क्षेत्र में फाइलेरिया प्रसार न्यूनतम स्तर तक आया है या नहीं. इससे ही एमडीए चलाने की जरूरत भी तय होती है. 

    राज्य में आगामी 10 अगस्त से 14 जिलों में एमडीए कार्यक्रम चलाया जाना है. इसके पूर्व इन सभी जिलों में प्रखंड स्तर पर नाईट ब्लड सर्वे किया जा रहा है. इसी क्रम में फाइलेरिया के अपर निदेशक सह  राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय सक्रिय रूप से पटना में नाईट ब्लड सर्वे साईट का पर्यवेक्षण कर इसकी गुणवत्ता को सुनश्चित करने में जुटे है. गुरूवार की रात में डॉ. परमेश्वर प्रसाद एवं डॉ. राजेश पांडेय के साथ सेंटर फॉर एडवोकेसी के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार ने फुलवारी शरीफ़ के गोनपुरा पंचायत स्थित नाईट ब्लड सर्वे साईट का दौरा किया. इस साईट को गुब्बारे से सजा  कर इसे एक उत्सव में बदलने की कोशिश की गयी थी. जिसमें फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के साथ स्थानीय लोगों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने सहयोग किया.

    स्वाथ्यकर्मियों को दिया जरुरी दिशा-निर्देश:

    फाइलेरिया के अपर निदेशक सह  राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने साईट दौरे के दौरान सैंपल कलेक्शन में जुटे लैब टेकनीशियन को सैंपल कलेक्शन करने में तकनीकी बातों का ख्याल रखने की सलाह दी. वहीं, उन्होंने कहा कि नाईट ब्लड सर्वे की सफलता एमडीए कार्यक्रम को प्रभावी रूप से संचालित करने के लिए बेहद जरुरी है. इस लिहाज से नाईट ब्लड सर्वे की गुणवत्ता सुनिश्चित करना भी उतना ही जरुरी है. उन्होंने इस दौरान एनएनएम, आशा एवं आशा फैसिलिटेटर से भी नाईट ब्लड सर्वे एवं एमडीए को लेकर चर्चा की एवं उन्हें जरुरी दिशा-निदेश भी दिए. 

    देश में लगभग 65 करोड़ आबादी फाइलेरिया के खतरे में: 

    इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने साईट पर उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि देश में लगभग 65 करोड़ की आबादी फाइलेरिया के ख़तरे में हैं. इससे बचाव का एमडीए ही एक मात्र उपाय है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के परजीवी किसी के भी शरीर में मौजूद रह सकते हैं. शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी की पहचान सिर्फ नाईट ब्लड सर्वे के द्वारा ही संभव है. उन्होंने इसके बाद नाईट ब्लड सर्वे की उपयोगिता, गुणवत्ता सुनिश्चित करने की तकनीकी पक्ष सहित एमडीए पर भी स्वास्थ्यकर्मियों को जानकारी दी. 

    इस दौरान पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से पटेल पंडित, जितेन्द्र एवं रविन्द्र ने डॉ. परमेश्वर एवं डॉ. राजेश के साथ फाइलेरिया उन्मूलन की रणनीति पर चर्चा भी किया.

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