कालाजार घर घर खोज अभियान में बेहतर भूमिका निभा रही है आशा सुनीता देवी
- कालाजार के संभावित मरीजों की खोज के साथ ही बचाव को करती हैं जागरूक
- लक्षण व बचाव का बताती हैं तरीका
बेतिया। जिले को कालाजार की बीमारी से मुक्त करने के लिए कालाजार के संभावित मरीजों की घर- घर खोज अभियान चलाया जा रहा है जिसमें नौतन प्रखंड के कथईया की आशा सुनीता देवी इस भीषण गर्मी में भी विभागीय आदेश का पालन करते हुए अपना दायित्व निभा रही हैं। कालाजार रोगी खोज अभियान के दौरान क्षेत्र के घरों में घूमकर लीफलेट के साथ कालाजार एवं पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार ) के लक्षणों की जानकारी देते हुए पूछताछ करती और इससे बचाव के तौर तरीकों के बारे में जागरूक करती हैं। आशा सुनीता देवी बताती हैं कि कालाजार बालू मक्खी के काटने के कारण होता है। जो एक परजीवी का वेक्टर है जो किसी जानवर या मनुष्य को काटकर हटने के बाद, अगर वह उस जानवर या मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा उसे कालाजार हो जाता है।
लक्षण व बचाव का बताती हैं तरीका:
सुनीता देवी बताती हैं कि किसी व्यक्ति को अगर रुक-रुक कर बुखार आता है, भूख कम लगता है, शरीर में कालापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली होना और बाल झड़ता हो तो कालाजार की जाँच आर के 39 किट से कराएं या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निःशुल्क इलाज कराएं। वह बताती हैं कि लोग कालाजार होने के वावजूद इसे आम बुखार समझकर सामान्य दवा खाते हैं। जिससे कालाजार ठीक होने की जगह गंभीर हो जाता है। आशा सुनीता देवी बताती कि कालाजार के फैलाव को रोकने के लिए वर्ष में दो बार कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है। ताकि रोग का वाहक बालू मक्खी मर जाता है। उन्होंने लोगों को आसपास साफ सफाई रखने एवं मच्छरदानी का प्रयोग करने की नसीहत दी है।
भीडीसीओ रमेश मिश्रा, सुनील कुमार व भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि नौतन प्रखंड के कथईया की आशा सुनीता देवी कालाजार रोगियों की खोज में बेहतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 3 संभावित मरीजों की खोज की गईं है। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच में कालाजार/पीकेडीएल की सम्पुष्टि होने पर मुफ्त इलाज किया जायेगा। साथ ही उन्हें क्रमशः 7100 / 4000 का आर्थिक अनुदान भी दिया जाता है।
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