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    बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ममता का वरदान है आशा सुनीता

    बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ममता का वरदान है आशा सुनीता

    - स्वच्छता के संदेश लिए ग्रामीणों को  करती है जागरूक

    - चमकी से बचाव के लिए घर घर जाकर माता पिता को किया जागरूक

    - सभी आवश्यक टीकाकरण का देती है सलाह

    बेतिया,  2 जनवरी।

    बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ममता का वरदान है आशा सुनीता। उन्हें अपने काम में किसी तरह की कोताही भी बर्दाश्त नहीं । ये अपने क्षेत्र के बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह सजग रहती हैं।  वह सिकटा प्रखण्ड के धर्मपुर के बच्चों के लिए एक वरदान की तरह है क्योंकि उसे बच्चों से एक अलग ही लगाव है। वह बच्चों को स्वास्थ्य के बारे में समय समय पर काफी जानकारी देती हैं। उन्हें साफ सफाई के महत्व के साथ ही सभी आवश्यक टीकाकरण  स्वास्थ्य केंद्र में कराने की सीख देती हैं। यू तो वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक जिम्मदारियों को निभाती हैं परन्तु बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी जब कोई टीकाकरण हो या पोलियो अभियान खुद घर घर जाकर बच्चों के माता पिता से मिलकर उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर टीका दिलवाने का कार्य करती हैं। गर्मी के महीनों में जब बच्चों पर चमकी का खतरा मंडरा रहा था, ऐसे समय में वह दिनरात एक कर बच्चों की सुरक्षा के लिए एईएस पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लोगों को जागरूक करती थी। क्योंकि वो नहीं चाहती थीं क्षेत्र का कोई भी बच्चा चमकी जैसे खतरनाक बीमारी का शिकार हो औऱ इससे किसी बच्चे की जान जाए। आशा सुनीता कुमारी ने बताया कि मैंने यह ठान ही लिया था कि अपने गाँव, मुहल्ले में चमकी का कोई भी मामला नहीं होने दूँगी,क्योंकि अस्पताल में कुछ मामलों में मैंने चमकी से पीड़ित बच्चों की मौत को देखा था, जो अंदर तक झकझेार दिया। इसलिए घर घर जाकर बच्चों को रात में भोजन करने, खाली पेट न सोने देने, बुखार के साथ अन्य कपकपी के लक्षण पर तुरंत अस्पताल में भर्ती करने को जागरूक करती रही, जिसका परिणाम रहा कि हमारे कार्य क्षेत्र में पहले की अपेक्षा मामलों में कमी हुई। लोग इस बीमारी के प्रति सचेत व जागरूक हुए। बच्चे भी सुरक्षित हुए।

    - स्वच्छता के संदेश लिए ग्रामीणों को  करती हैं जागरूक;

    आशा सुनीता ने बताया कि बच्चों को भोजन करने के पहले, शौच करने के बाद और जानवरों को छूने के बाद हाथ साबुन से धोने की बात हमेशा बताती रहती हूं ताकि बच्चे अपने हाथों की साफ सफाई करें  एवं सही आदत विकसित करें । क्योंकि हाथों की सफाई ना होने के कारण भी वे जाने अनजाने में अनेक बीमारियों से बच्चे ग्रसित हो जाते हैं जिसका उनके स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है।

    - संतुलित पौष्टिक भोजन करने का देती हैं सलाह-

    आशा सुनीता बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर उनके माता पिता से मिलकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। उन्हें भोजन में हरी सब्जियां ,दूध का सेवन करने के साथ समय समय पर अल्बेंडाजोल की दवा व लड़कियों को आयरन की दवा भी खाने की सलाह देती है। उनका यही परिश्रम व  कार्यकुशलता के कारण गाँव में एक अलग पहचान है।

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