बदलते मौसम में बच्चों को ठंड से बचाएं- डॉ ख़ालिद अख्तर
बदलते मौसम में बच्चों को ठंड से बचाएं- डॉ ख़ालिद अख्तर
- नवजात बच्चों को दें कंगारू मदर केयर
- समय समय पर टीके जरूर लगवाएं
मोतिहारी, 20 दिसम्बर। 'सर्दी के मौसम में बच्चों पर वायरल बुखार, निमोनिया, कोल्ड डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मौसम में नवजात और शिशुओं की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।" यह कहना है मोतिहारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत आरबीएसके नोडल सह चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ख़ालिद अख्तर का।
उनकी मानें, तो जरा सी अनदेखी नवजात और शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। उनका कहना है कि सर्दियों में नवजात की विशेष देखभाल की जरूरत होती है। हल्की भी सर्दी खाँसी को नजरअंदाज न करें । साथ ही बच्चे का ध्यान रखें। क्योंकि बच्चों में कम इम्युनिटी के कारण उनको कोल्ड डायरिया, निमोनिया की चपेट में सबसे ज्यादा आने का खतरा बना रहता है।
इस मौसम में जिसमें शरीर का तापमान असामान्य रूप से गिरने लगता एक स्थिति ऐसी आती है जब ब्लड प्रेशर पूरी तरह से गिर जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों को गर्माहट की जरूरत होती है।
जरूरी टीके समय पर जरूर लगवाएं:
पूर्वी चम्पारण के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शरद चन्द्र शर्मा ने बताया कि कोल्ड डायरिया, हाइपोथर्मिया के साथ ही अन्य रोगों से बचने के लिए समय समय पर बच्चों का सभी आवश्यक टीका लगवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि- बच्चों का जन्म के साथ ही टीकाकरण शुरू कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि नवजात शिशुओं की प्रतिरोध क्षमता कम होती और वे संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, कुछ टीकों की बूस्टर खुराक दी जानी चाहिए। ताकि रोग प्रतिरक्षण को बनाए रखा जा सके। ठंड के मौसम में निमोनिया जैसे रोग का भी खतरा बच्चों पर मंडराता है। इसलिए समय समय पर सभी आवश्यक टीका बच्चों को जरूर लगवाने चाहिए।
बच्चों को लगने वाले टीके उन्हें सात जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। इनमें खसरा, टेटनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियां शामिल हैं।
कंगारू मदर केयर है जरूरी;
बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा में कंगारू मदर केयर बहुत जरूरी है । सदर प्रखण्ड स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक डॉ शगुफ्ता प्रवीण एवं डॉ शिल्पी श्रीवास्तव ने बताया कि नवजातों में हाइपोथर्मिया न हो इसके लिए कंगारू मदर केयर भी बेहद कारगर है। इसमें सीने से चिपकाकर बच्चों को रखा जाता है जिससे मां के शरीर की गर्मी भी बच्चों को मिलती है। साथ ही उन्हें ऊनी वस्त्र पहनाकर रखें, समय समय पर पानी एवं दूध की कमी न होने दे। कंगारू मदर केयर हाइपोथर्मिया के अलावा बच्चे के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है।
हाइपोथर्मिया के ये हैं मुख्य लक्षण:
शरीर में कपकपी, सांस तेजी से चलना, त्वचा का ठंडा पड़ना, थकान महसूस होना, बोलने में परेशानी होना, बेहोशी, नींद अधिक आना या फिर नींद में कमी होना आदि हाइपोथर्मिया के लक्षण हैं।
रात में बच्चों को भोजन अवश्य कराए:
डॉ खालिद अख्तर ने बताया कि रात में बच्चों को भोजन अवश्य कराएं। साथ ही सुबह उठकर के बच्चों के शरीर का तापमान अवश्य देखें। रात में खिलाने से बच्चों में शुगर की कमी नहीं होती, क्योंकि चमकी बुखार में शुगर की कमी हो जाती है तो रात में खिलाने से वह शुगर की कमी नहीं रहेगी और बच्चों का सुबह उठकर तापमान अवश्य देखें।
No comments