सत्याग्रह साहित्य सम्मान समारोह- 2021' में चंपारण के 14 साहित्यकारों को किया गया सम्मानित।
'सत्याग्रह साहित्य सम्मान समारोह- 2021' में चंपारण के 14 साहित्यकारों को किया गया सम्मानित
रक्सौल से डॉ. स्वयंभू शलभ को 'विष्णुकांत पांडेय साहित्य सम्मान'
सत्याग्रह की भूमि मोतिहारी आज एक अद्भुत कार्यक्रम की साक्षी बनी। मुंशी सिंह महाविद्यालय के सभागार में ख्वाब फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'सत्याग्रह साहित्य सम्मान समारोह 2021' में चंपारण के सुप्रसिद्ध साहित्यकारों और कवियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथि साहित्यकारों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया। युवा कार्यकर्ताओं ने एक ऊर्जादायी गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ख्वाब फाउंडेशन के चेयरमैन मुन्ना कुमार द्वारा लिखित पुस्तक 'कष्टमेव जयते' का लोकार्पण किया गया ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में 'चंपारण में साहित्यिक विकास की समस्याएँ, समाधान और युवा भागीदारी' पर विचार विमर्श हुआ। अतिथि साहित्यकारों ने चंपारण में साहित्यिक विकास के लिए शहरी पुस्तकालय के साथ पंचायत पुस्तकालय का निर्माण किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें चंपारण के वरिष्ठ लेखकों की पुस्तकों को धरोहर के रूप में संरक्षित किया जा सके।
वहीं कार्यक्रम के अगले सत्र में चंपारण के 14 साहित्यकारों और कवियों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
प्रसाद रत्नेश्वर को प्रो. महेश्वर प्र. सिंह साहित्य सम्मान, डॉ. स्वयंभू शलभ को विष्णुकांत पांडेय साहित्य सम्मान, डॉ. मधुबाला सिन्हा को प्रो. रामाश्रय सिंह साहित्य सम्मान, डॉ. तफ़ज़ील अहमद को प्रो. शकीलुर्रहमान साहित्य सम्मान, डॉ. अख्तर सिद्धिकी को शोएब शम्स साहित्य सम्मान, ओजैर अंजुम को जमिलूर्रहमान जमील साहित्य सम्मान, अशोक कुमार 'राकेश' को डॉ. जगदीश विकल साहित्य सम्मान, डॉ. हरिनारायण ठाकुर को सत्याग्रह साहित्य सम्मान, डॉ. हातिम जावेद को ईस्माइल वहशी साहित्य सम्मान, गुलरेज शहजाद को पं. गणेश चौबे साहित्य सम्मान, टीवाई साहब सहोदर को सत्याग्रह साहित्य सम्मान, प्रो. तारकेश्वर उपाध्याय को प्रो. श्रीकांत 'प्रसून' साहित्य सम्मान, राम पुकार सिन्हा को सत्याग्रह साहित्य सम्मान तथा डॉ. कुमार कौस्तुभ को डॉ. लव शर्मा 'प्रशांत' साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन अभय अनंत ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में ख्वाब फाउंडेशन के युवा सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी।
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