जिले में रात्रि रक्त पट संग्रह (एनबीएस) में मिलें 134 नए फाइलेरिया के संक्रमित मरीज
- संक्रमित मरीजों को अब स्वास्थ्य केंद्रों पर खिलाई जाएगी दवा
- जिले के 18 प्रखंडो के सेंटीनल और रैंडम साइटों पर 12 हजार लोगों के रक्त नमूने की हुई जाँच
बेतिया। फाइलेरिया (हाथी पाँव) रोग के प्रसार दर की जाँच व नियंत्रण हेतु भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहें फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत नए रोगियों के खोज करने के लिए जिले में 9 से 25 अक्टूबर तक नाइट ब्लड सर्वे चलाया गया था। इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार एवं एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया की 14 प्रखंडो के सेंटिनल (स्थाई) एवं रैण्डम (अस्थाई) साइटों पर एनबीएस एवं चार प्रखंडों में प्री-टास एक्टिविटी के अंतर्गत कुल 12 हजार लोगों के रक्त नमूने लिए गए है जिनकी लैब टेक्निशियन के द्वारा जाँच की गईं है। प्रत्येक प्रखंड में एक रैंडम और एक सेंटिनल साइट बनाया गया था। प्रत्येक साईट से 300 सैंपल इकठ्ठा करने का लक्ष्य था।
इस दौरान कई प्रखंडो के लोग फाइलेरिया के परजीवी से संक्रमित पाए गए है। इस सम्बन्ध में जिले के सीएम ने कहा की क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा काटने से यह रोग फैलता है। ये माइक्रो फाइलेरिया कृमी शरीर के अन्दर जाकर लसीका तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं जिसके फलस्वरूप प्रभावित अंग में सूजन होने लगता है। यह अधिकतर पैर, हाथ, स्तन तथा जननांगों को प्रभावित करता है। पैर में सूजन इस तरह बढ़ जाता है कि पैर हाथी के पैर जैसे मोटे हो जाते हैं, इसलिए इसे हाथीपाँव कहते हैं।
हाथीपाँव फैलाने वाले सूक्ष्म परजीवी रक्त वाहिनियों मे रात मे ही निकलते हैं इसलिए इसकी जाँच हेतु रात्रि रक्त पट संग्रह (एन बी एस) रात मे ही किया गया है। इससे प्रखंडवार फाइलेरिया दर की सटीक जानकारी मिलती है। जिससे 10 फरवरी से चलने वाली सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान दवाओं के एडमिनिस्ट्रेशन में सहूलियत होती है।
भीडीसीओ प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा की रक्त पट जाँच में अब तक 134 मरीज फाइलेरिया से संक्रमित पाए गए है वहीं पिछले साल 92 मरीज मिले थे। उन्होंने बताया की जिले में लगभग 4800 फाइलेरिया रोगी है। जिन्हे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक के देखरेख में दवाओ का कोर्स कराकर हाथी पाँव के परजीवी को नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया की एनबीएस के दौरान रोगी हित धारक मंच में शामिल लोगों के द्वारा जागरूकता फैलाया गया जिससे लोग हाथी पाँव के बारे में जागरूक हुए है।
"सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने लोगों अपील करते हुए कहा" की आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। सभी निर्धारित उम्र के लोगों को दवा खाना बेहद जरूरी है।
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