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    बाल हृदय रोग से ग्रसित जिले के 11 बच्चे इलाज हेतु पटना रवाना

    - सत्य साई हॉस्पिटल अहमदाबाद के डॉक्टर द्वारा आई जी आई सी पटना में लगेगा मेडिकल कैंप

    - ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों की कराए स्क्रीनिंग-एसीएमओ

    - आरबीएसके के तहत 43 प्रकार की बीमारियों की होती है जाँच 

    मोतिहारी। जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत मोतिहारी सदर अस्पताल परिसर से ह्रदय रोग की गंभीर समस्या से पीड़ित 11 बच्चों को एम्बुलेंस से आईजीआईसी पटना भेजा गया। मौके पर प्रभारी सिविल सर्जन सह एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि बिहार में एक महीने के भीतर बाल हृदय योजना का कैंप आईजीआईसी अस्पताल पटना में लगने वाला है। जिसके लिए अभी तक जिले से 125 ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है, जो कि बिहार के किसी भी जिले से सर्वाधिक है। उन्होंने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा की जिले का प्रभारी सिविल सर्जन एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी होने के नाते मेरी पूर्वी चम्पारण के निवासियों से अनुरोध है कि आपके आसपास या संपर्क में 0-18 वर्ष तक के दिल में छेद का कोई मरीज है तो तुरन्त सदर अस्पताल मोतिहारी परिसर स्थित जिला आरबीएसके कार्यालय जाकर डॉ शशि जिला समन्वयक आरबीएसके से संपर्क करे, ताकि जिले के अधिक से अधिक बच्चों की सहायता की जा सके। डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की शुरुआत बिहार एवं पूर्वी चम्पारण में अप्रैल 2021 में हुई थी।

    इसके अन्तर्गत 0-18 वर्ष तक के दिल के छेद के मरीजों की निशुल्क सर्जरी बिहार सरकार के द्वारा करायी जाती है। अप्रैल-2022 से जून-2024 तक जिले के 48 बच्चों की सफलतापूर्वक दिल के छेद की सर्जरी की जा चुकी है। बाल हृदय योजना के अन्तर्गत आईजीआईसी अस्पताल पटना में वर्ष में एक या दो बार बाल हृदय योजना का कैंप लगाया जाता है, जिसमें श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद के डॉक्टर पटना आकर बाल हृदय रोगी मरीजों की जांच करते हैं, एवं बाल हृदय रोगियों की सूची बनाकर ले जाते हैं। तत्पश्चात् सूची के अनुसार बिहार सरकार अपने खर्च पर इन बाल हृदय रोगी बच्चों को हवाई जहाज द्वारा पटना से अहमदाबाद भेजती हैं जहाँ हृदय रोगी बच्चों की निःशुल्क सर्जरी कराई जाती है। 2021 से अब तक बिहार में 07 बार बाल हृदय योजना के कैंप लगाए जा चुके हैं। अगामी महिने में पटना में बाल हृदय योजना आठवां कैंप लगने वाला है।

    इन बच्चों को एम्बुलेंस से भेजा गया पटना:

    आरबीएसके के डीसी डॉ शशि ने बताया कि जिले के जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों में पवन कुमार आदापुर  11 माह, कुसुम तारा 09 वर्ष ढाका, सुरुचि कुमारी पकड़ीदयाल 08 वर्ष, अंकुश कुमार संग्रामपुर 1.5 वर्ष, सूरज कुमार 15 वर्ष पकड़ीदयाल, कविता कुमारी घोड़ासहन 4 माह, प्रीति कुमारी 1.5 वर्ष आदापुर, रागिनी कुमारी 04 वर्ष केसरिया, अनन्या कुमारी 09 माह चिरैया, एजाज खान 16 वर्ष चिरैया, नेहा कुमारी 11 वर्ष तुरकौलीया को एम्बुलेंस से पटना भेजा गया है। डॉ शशि ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 43 प्रकार की बीमारियों की जाँच चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर समय-समय पर की जाती है। जाँच के दौरान कुछ बच्चों में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जिले के अस्पताल में स्क्रीनिंग की जाती है। उसके बाद ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों को उनके माता-पिता और जरूरी कागजातों के साथ निःशुल्क एम्बुलेंस पटना और उसके बाद विमान से श्री सत्य साइ हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाता है। अस्पताल में बच्चों एवं अभिभावक के रहने, भोजन, इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। मौके पर प्रभारी सीएस सह एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, जिला समन्वयक डॉ शशि, नौशाद अहमद, जऊवाद हुसैन व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

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