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    आईआरएस छिड़काव कार्य का हो रहा गहन निरीक्षण

    - जिले के 1 लाख 83 हजार घरों में होना है छिड़काव 

    - बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार का रोग

    - इसके मरीजों को मिलती है 7100 रूपये की क्षतिपूर्ति 

    मोतिहारी। जिले के 23 प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन हेतु चलाए जा रहे आईआरएस छिड़काव कार्य की निगरानी जिला स्तर पर की जा रही है। जिले के भीडीसीओ गौतम कुमार ने बताया कि 1 लाख 83 हजार घरों में छिड़काव होना है। उन्होंने बताया कि सदर प्रखंड के बसमनपुर वार्ड नंबर 13, 14, 15 में टीम द्वारा कालाजार छिड़काव कार्य किया जा रहा है। जिले के डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि जिले के घोड़ासहन, रामगढ़वा अरेराज, पताही प्रखंड को छोडकर बाकी सभी प्रखंड के चयनित स्थान पर छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष में दो बार कालाजार के नियंत्रणार्थ सिंथेटिक पाइरेथ्रोइड छिड़काव कार्यकम संचालित होता है। 

    कालाजार होने पर मरीजो को श्रम क्षतिपूर्ति के तहत कुल 7100 रुपए प्राप्त होते है:

    डीभीबीडीसीओ डॉ शर्मा ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी अधिकतर महादलित बस्तियों, गौशालाओं एवं झुग्गी-झोपड़ियों में मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से ज्यादा से बुखार, तिल्ली और जिगर बढ़ना, भूख न लगना, कमजोरी तथा वजन में कमी हो तो यह कालाजार का लक्षण हो सकता है। उन्होंने बताया कि कालाजार होने पर मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति के तहत कुल 7100 रुपए खाते में दिए जाते हैं। इसमें केंद्र सरकार से 500 रुपए तथा राज्य सरकार से 6600 रूपये की राशि दी जाती है।

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