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    टीबी रोग पर एनसीसी कैडेट को किया गया संवेदीकृत

    - टीबी की गंभीरता और समाधान से भी कराया गया अवगत 

    - हाई स्कूल बगही में हुआ कार्यक्रम 

    मुजफ्फरपुर। अनुशासन और सेवा संकल्प के लिए प्रतिबद्ध एनसीसी कैडेट के 32 वीं बटालियन शुक्रवार को हाईस्कूल बगही में टीबी रोग, गंभीरता और उसके निदान के बारे में संवेदीकृत हुए। इस संवेदीकरण कार्यशाला की नींव जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सीके दास ने रखी। इस संबंध में डॉ दास ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाई जा रही है। इस अभियान के तहत समाज के सभी वर्गों के लोगों का सहयोग लिया जा रहा है ताकि क्षेत्र से टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को समूल नष्ट किया जा सके। इसी क्रम में शुक्रवार को करीब 455 एनसीसी के कैडेटों को टीबी, टीबी के प्रकार, टीबी के उपचार, उपचार में शामिल सुविधाएं और सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्कीमों की जानकारी प्रदान की गयी। सभी कैडेटों ने टीबी पर जानकारी को बहुत ही ध्यान से सुना और महत्वपूर्ण बातों को अपने नोटबुक में लिखते भी गए। 

    टीबी में लक्षण पहचानना सबसे महत्वपूर्ण:

    डॉ दास ने बताया कि टीबी में लक्षणों की पहचान महत्वपूर्ण है। दो हफ्तों की खांसी, बुखार, लगातार वजन कम होना, बलगम से खून आना जैसे टीबी के सामान्य लक्षण हैं। अगर इस तरह के लक्षण किसी को दिखे तो वह तुरंत ही सरकारी अस्पताल आकर बलगम जांच कराए। डॉ दास ने एनसीसी कैडेटों को बताया कि अक्सर ही हम सोंचते हैं कि टीबी सिर्फ फेफड़ों में ही होती है। यह बात बिल्कुल अधूरी है। टीबी शरीर के बाल और नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। इसके अलावा भी टीबी के अन्य प्रकार हैं जिसमें एमडीआर भी शामिल है। टीबी किसी किस्म का हो अगर उसका उपचार सही समय पर हो तो इस बीमारी से जीता जा सकता है। सरकार ने इसके लिए पूरी मशीनरी तैयार की है जिसमें जांच, दवा और पोषण तक की व्यवस्था की गयी है। हरेक टीबी मरीज का अपना एक निक्षय आईडी होता है।

    निक्षय मित्र बनने की सलाह:

    संवेदीकरण के दौरान यक्ष्मा विभाग के मनोज कुमार ने टीबी मरीजों को गोद लेने की विधि और उसके महत्वपूर्ण कारण को एनसीसी कैडेट को समझाया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बन सकता है, जिसमें किसी एक टीबी रोगी को पूरे इलाज के दौरान उसे न्यूट्रीशनल सपोर्ट देने की जरूरत होती है। मौके पर सीडीओ डॉ सीके दास, मनोज कुमार सहित एनसीसी के वरिष्ठ पदाधिकारी सहित कैडेट भी शामिल थे।

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