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    स्वास्थ्य कर्मियों के संघर्ष का परिणाम है 100 करोड़ लोगों का टीकाकरण: सिविल सर्जन

    स्वास्थ्य कर्मियों के संघर्ष का परिणाम है 100 करोड़ लोगों का टीकाकरण: सिविल सर्जन 


    - जिलाधिकारी की मुख्य भूमिका ने जिले का मान बढ़ाया


    - पूर्वी चम्पारण बिहार का पहला जिला बना जिसने शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया था


    - स्वास्थ्य कर्मियों व जिलेवासियों के सहयोग ने जिले को बनाया कोरोना मुक्त


    मोतिहारी, 21 अक्टूबर।

    हमसभी भारतीयों के लिए आज का दिन काफी गर्वान्वित करनेवाला  दिन है ।क्योंकि आज हमारे देश भारत ने 100 करोड़ कोविड टीकाकरण के  लक्ष्य को तमाम मुश्किलों के बीच हासिल कर लिया है। टीकाकरण के इस लक्ष्य में बिहार के साथ हमारे जिले पूर्वी चम्पारण की काफी भागीदारी रही है। यह बातें पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने कही। उन्होंने बताया कि टीकाकरण का यह सफर आसान नहीं था। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमारे पूर्वी चम्पारण जिले के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के नेतृत्व में जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों, जिले के स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सक, नर्स, आशा, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,शिक्षकों, डब्ल्यूएचओ, केयर के साथ अन्य संस्थाओं, समाजसेवियों, नेताओं ने काफी संघर्ष किया है।  उनका टीकाकरण के कार्यों में काफी योगदान रहा है। जिसका परिणाम है कि आज हमारे देश के साथ जिले ने टीकाकरण के इतिहास में अपना स्थान दर्ज किया है। उन्होंने चर्चा करते हुए बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा रात दिन एक करके कोविड टीकाकरण के साथ ही कोविड मरीजों की स्थितियों का जायजा लिया जाता था।जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक जिले के लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने, प्रचार प्रसार करने पर जोड़ देते थे। कभी भी टीके की कमी नहीं होने देते थे। लगातार स्वास्थ्य कार्यों में उनकी उपस्थिति होती थीं।, जिसके कारण उनको बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया। उनके कुशल नेतृत्व के कारण जिले का भी नाम रौशन हुआ। शत प्रतिशत टीकाकरण वाला पहला प्रखंड मोतिहारी का बनकटवा प्रखंड बना। वही पहला अनुमंडल रक्सौल बना। पहला नगर निगम मोतिहारी बना। लोगों ने टीकाकरण कराकर  मिसाल पेश की जिसके कारण आज जिला कोरोना मुक्त बना है।


    पूर्वी चम्पारण के जिला डाटा एवं सांख्यिकी पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने वैश्विक महामारी कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए तेज धूप, बरसात,बाढ़, में भी दिनरात एक करके टीकाकरण जारी रखकर कोविड पर विजय प्राप्त की है। स्वास्थ्य कर्मियों ने सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक टीकाकरण, व महा टीकाकरण में सहयोग किया है जो अभूतपूर्व रहा है। 


    डीआईओ डॉ शरद चंद्र शर्मा ने बताया कि जिले में इंडो नेपाल बॉर्डर पर ,

    बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रोंमें, नाव पर भी टीकाकरण किया गया। खेतों में जाकर किसानों को टीका लगाया गया। सदर अस्पताल, एएनएम होस्टल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों, मॉल बाजार, स्वास्थ्य केन्द्रों, के साथ सामुदायिक केन्द्रों पर भी टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना से लड़ने का एक मात्र सुरक्षित हथियार है टीकाकरण।उन्होंने बताया कि जिले में 33 लाख 25 हजार 188 कुल टीकाकरण किया गया जिसमें 24 लाख 50 हजार 392 लोगों को पहला डोज़ दिया गया ।वहीं 8 लाख 74 हजार 796 लोगों को दूसरा डोज लगाया गया । उन्होंने बताया कि आज भी जिले में 218 सेशन साइटों पर कोविड टीकाकरण किया जा रहा है।आज दोपहर 1 बजे तक 8 हजार 241 डोज़ लोगों को दिया गया है।


    डॉ सुनील कुमार, कोरोना सैम्पलिंग नोडल पदाधिकारी ने बताया कि

    चुनौतियों एवं संघर्ष के वावजूद भी 

    सीमित संसाधानों में जिले में कोविड 19 की जाँच के साथ टीकाकरण कर जिले को कोरोना मुक्त करने में स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन किया है।उन्होंने बताया कि जिले में टीका एक्सप्रेस, विशेष टीकाकरण अभियान, महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था, सेकेंड डोज के लिए अलग से टीकाकरण की व्यवस्था के साथ ही पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान भी चलाया गया। कुछ क्षेत्रों में टीम बनाकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किये जहां पर लोग टीका लेने से इनकार कर रहे थे। सभी की मेहनत और प्रयास रंग लायी और आज टीकाकरण के लिए प्रत्येक केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लग रही है। लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो चुके हैं। इस प्रकार अब लगता है कि हमलोग जल्द ही कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

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