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    हरसिद्धि में प्रसव कक्ष क्वालिटी इंप्रूवमेंट को लेकर ममता कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

    हरसिद्धि में प्रसव कक्ष क्वालिटी इंप्रूवमेंट को लेकर ममता कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण 


    - जच्चा- बच्चा की देखभाल व साफ सफाई के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हुआ प्रशिक्षण

    - प्रशिक्षण में केयर इंडिया ने किया सहयोग

    मोतिहारी, 1 सितम्बर। बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरसिद्धि के सभागार में प्रसव कक्ष में क्वालिटी इंप्रूवमेंट को लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार की अध्यक्षता में अमानत प्रशिक्षक (एनएमएस) द्वारा ममता कर्मियों के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें अमानत प्रशिक्षक द्वारा सभी ममता कार्यकर्ताओं को इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया- यथा हाथ धोने की विधि, प्रसव कक्ष, मैटरनिटी वार्ड की साफ - सफाई, ब्लीचिंग घोल तैयार करने, माँ तथा बच्चे को उचित सलाह, कचरा निस्तारण विधि, परिवार नियोजन सलाह आदि।

    प्रसव कक्ष की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विशेष प्रशिक्षण

    केयर इंडिया के प्रखण्ड प्रबंधक विक्रान्त कुमार ने बताया कि ममता को प्रसव कक्ष की क्वालिटी इंप्रूवमेंट को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी ममता को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया। उन्होंने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत ऑर्ब्जवर के द्वारा प्रसव कक्ष की विशेष जांच की जाती है। जिसको लेकर भी ममता को प्रसव कक्ष की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया प्रवास के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। नवजात की देखभाल के साथ-साथ साफ-सफाई आदि के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कई आवश्यक निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया बच्चा सुधार सर्विसेज एवं जच्चा- बच्चा की देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि शिशु के जन्म के एक एक घंटा के अंदर मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाने से शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शिशु को निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है। स्तनपान से ही शिशु को आवश्यक पानी की मात्रा की पूर्ति हो जाती है।

    जच्चा- बच्चा की देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी  गयी

    वही उन्होंने बताया कि नवजात शिशु को अलग से पानी देने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मां के स्तनपान से ही शिशु को उसके लिए आवश्यक पानी की मात्रा की पूर्ति हो जाती है। इस दौरान अलग से पानी पिलाने और कुछ खिलाने-पिलाने से शिशु को निमोनिया और दस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। शिशु के छह महीने का होने के बाद ही मां के स्तनपान के साथ आहार के रूप में हल्का खाना जैसे खिचड़ी, दलिया, हलवा आदि देना चाहिए। इस प्रशिक्षण में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, केयर बीएम विक्रांत कुमार, केयर आईसीटी राजन कुमार, एनएमएस केयर अनुष्का कुमारी, लेखापाल पवन कुमार झा, मेंटर श्रधा कुमारी, ममता बबिता देवी ,गायत्री देवी, सुनीता देवी,लालसा देवी, रेणु देवी सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहे।

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