श्री विधि (system of Rice scientification ) से धान की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हुई
प्रकाश कुमार चौहान
भारत देश एक कृषि प्रधान देश है जिसमे 60 % लोगो की आजीविका कृषि पर निर्भर है जिनका पास खेती बारी में काम के अलावा दूसरा कोई जरिया नही है। इस बात को सोचकर यहाँ के किसान मजबूर हो जाते है कि हमारी इतनी बड़ी कृषि भूभाग को किस तरह से कृषि उत्पादन में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकारी तत्वाधान के साथ समन्वय करे जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर अपने समाज मे हो रही किसानों की आत्महत्या, बालश्रम और कर्ज बंधुवा को रोके ।इसका प्रमुख कारण किसानों के पास प्रयाप्त सिचाई की सुविधा न होना और न ही खेती के आधुनिक तकनीक तक पहुच होना ।
इसी संदर्भ में किसानों को आय को कम लागत में दुगुना आय बढ़ाकर अपने परिवार को कर्ज,बाल श्रम एवं जबरन पलायन को रोकने के उधेश्य से आशीष परियोजना के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र पिपरा कोठी ,एवं कृषि विभाग रक्सौल की अध्यक्षता में रक्सौल प्रखण्ड के अंतर्गत 27 किसानों के बीच 18 एकड़ में कई गई श्री बिधि से रोपे गए धान का परिभ्रमण आदापुर के किसानों के द्वारा हरनाही एवं पुरेन्द्रा पंचायत में किया गया और किसान लोग भी जागरूक होकर स्व से अपने प्रखंडवाशियो को भी नयी बिधि (श्री बिधि) से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे क्योकि श्री बिधि से खेती करने पर कम लागत में दुगुना आय होता है
किसानों के साथ बातचीत करने पर अन्य मामले सामने आए:--------------------------------------------------------
*किसान हित मे बहुत सारी सरकारी योजनाओं का जिक्र है लेकिन इन योजनाओं का धरातल पर सही तरह से लागू नही के बराबर है।
* इस साल कृषि उत्पादन 4% बढ़ा लेकिन आमदनी मात्र 10% ही राह गया ।
* देश मे कृषि उत्पादन में 2 सालो में मात्र 4 % बृद्धि हुई * वैसे किसान जो बटाई पर खेती कर रहे है उनके लिए कृषि से संबंधित कोई योजनाए सरकार द्वारा लागू नही है ।
*सरकार द्वारा सिचाई का कोई साधन नही दिया गया है
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