आशा फैसिलिटेटरों को मिला "एम आशा एप" का प्रशिक्षण
- डिजिटलाइजेशन से कार्यों की बढ़ेगी गति: डीसीएम
- एप्प से आशा के कार्यों की निगरानी होगी आसान
बेतिया। आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल मोड में लाने के उद्देश्य से राज्य से आई टीम ने चयनित आशा फैसिलिटेटरों को "एम आशा एप" का प्रशिक्षण दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनाटांड और सिकटा में हुए इस कार्यक्रम में एनसीडीओ मुर्तजा अंसारी और डीसीएम राजेश कुमार भी उपस्थित थे। एप्प के माध्यम से आशा ऑनलाइन होकर अपना काम कम समय में बेहतर ढंग से कर सकेंगी। डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि आशा फैसिलिटेटरों को एम आशा एप के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आशा कार्यकर्ता अब मोबाइल फोन के जरिए एम-आशा एप के माध्यम से अलग अलग कार्यों, बीमारीयों पर खोज समेत अन्य कार्यों को सीधे पोर्टल पर खुद ही अपलोड कर सकेंगी। अब एम आशा एप से आशा गांव में होने वाली वाली जन्म, मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एईएस, बुखार, डायरिया समेत सभी प्रकार की बीमारी समेत अन्य गतिविधियों को इस डिजिटल एप से जोड़ने का काम करेंगी। गांव के सर्वे के बाद आशा डेटा अपलोग करेंगी। आशा कार्यकर्ता डिजिटल और स्मार्ट बनेंगी। उनको किसी रजिस्टर पर लिखने-पढने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।
आशा के कार्यों की आसानी से हो सकेगी निगरानी:
एनसीडीओ मुर्तजा अंसारी ने बताया कि आशा फैसिलिटेटरों को "एम आशा एप" का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। वे मोबाइल में एम आशा एप डाउनलोड करें और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एप पर डालें। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा की फैसिलिटेटर द्वारा आशा की, बीसीएम द्वारा फैसिलिटेटर की, डीसीएम द्वारा बीसीएम की एवं राज्य द्वारा जिला स्तर पर आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकेगी। जिले के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली गर्भवती महिलाओं, जन्म मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एईएस, बुखार, डायरिया सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों के अलावा अन्य गतिविधियों को इस डिजिटल एप पर अपलोड किया जा सकेगा। इस मौके पर राज्य से आए प्रशिक्षक, एनसीडीओ मुर्तजा अंसारी, डीसीएम राजेश कुमार, पीएसआई संस्था से राकेश कुमार सिंह, प्रखंडों की चयनित आशा फैसिलिटेटर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
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