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    डेंगू से बचाव के लिए हर सातवें दिन निभाएं सामाजिक जिम्मेदारी: डॉ गुड़िया

    -सीएस ने डेंगू से बचाव व जागरूकता को बताया प्राथमिक

    -एक हफ्ते में अपने घर के आसपास में जमे पानी को करें साफ 

    -अब तक जिले में 116 डेंगू मरीज 

    वैशाली। आने वाला एक से डेढ़ महीना डेंगू के लिए अहम है। यह वह समय है जब तापमान और नमी के कारण साफ पानी में डेंगू के लार्वा ज्यादा पनपते हैं। यह लार्वा एक हफ्ते में ही मच्छर के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। अगर हम सामाजिक रूप से यह नियम बना लें कि हफ्ते में एक दिन अपने घर के आस-पास के छोटे कंटेनर का पानी उलट दें या निकाल दें, तो लार्वा को पनपने से रोका जा सकता है। ये बातें जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने शुक्रवार को डेंगू पर मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। वहीं कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने बताया कि अभी का समय डेंगू के लिए काफी अहम है। डेंगू से कैसे बचें इस पर अभी ज्यादा बात करने की जरूरत है। इनके मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और दिन में ही काटते हैं। डेंगू के लिए सदर एवं प्रखंड स्तर पर डेंगू के लिए स्पेशल वार्ड भी बनाए गए हैं। 

    डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट ही मान्य:

    सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू की पुष्टि के लिए सदर अस्पताल में एलाइजा टेस्ट होती है। इसे ही मान्यता दी गयी है। प्रखंड स्तर पर किट के द्वारा रैपिड टेस्ट किया जा रहा है। इसमें पॉजिटिव आने पर कंफर्मेशन के लिए सदर अस्पताल भेजा जाता है। पॉजिटिव आने पर उसके घर के आस पास के करीब 100 मीटर के दायरे में फॉगिंग की जाती है। 

    इस बार डेंगू के कम केस हुए प्रतिवेदित:

    डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया कि वर्ष 2023 में सितंबर तक जिले में कुल 236 केस प्रतिवेदित हुए थे। वहीं इस वर्ष 4 अक्टूबर तक कुल 116 केस प्रतिवेदित हुए हैं। यह मामले पिछले वर्ष से काफी कम है। यह सिर्फ जागरूकता के कारण ही संभव हो पाया है। इस वर्ष जिले के राघोपुर और हाजीपुर सदर डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। राघोपुर में 24 तथा हाजीपुर सदर में 17 केस इस वर्ष अब तक प्रतिवेदित हुए हैं। ज्यादा डेंगू प्रभावित होने के कारण राघोपुर को फॉगिंग के लिए मशीन दी गयी है। मौके पर सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी, भीबीडीओ राजीव कुमार, कुमार धीरेन्द्र सहित अन्य कर्मचारी और मीडिया कर्मी मौजूद थे। 

    डेंगू बुखार के लक्षण क्या है?

    पेट दर्द

    सिर दर्द

    उल्टी

    नाक से खून बहना

    उल्टी, पेशाब या मल में खून

    हड्डियों और जोड़ों में दर्द

    तेज बुखार

    थकावट

    सांस लेने में दिक्कत

    गंभीर मामलों में प्लेटलेट काउंट कम होना

    क्या डेंगू से बचा जा सकता है? 

    सही समय पर उचित कदम उठाने से डेंगू बुखार से आसानी से बचाव किया जा सकता है। डेंगू से बचने के लिए नीचे बताए गए उपाय किये जा सकते हैं:

    -मच्छरदानी का उपयोग करें

    -घर में या आसपास पानी जमा न होने दें

    -कूलर का पानी रोज बदलें

    -पूरे बाजू के कपड़े पहने

    -मच्छर से बचने वाले रिप्लेंट या कॉयल का प्रयोग करें

    -पेड़ पौधों के पास जाएं या घर के बाहर निकलें तो शरीर को ढक कर जूते मोजे पहन कर निकलें

    -पानी की टंकी को ढक कर रखें

    -कीटनाशक और लार्वा नाशक दवाइयों का छिड़काव करें

    -अपने घर के आसपास साफ सफाई बनाए रखने में जागरूकता फैलाएं

    -स्वस्थ खान पान वाली जीवनशैली अपनाएं, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे।

    डेंगू बुखार से आसानी से बचाव किया जा सकता है, लेकिन सही कदम उठाने के बाद भी डेंगू के किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, तो खुद से दवा लेने की भूल न करें और फौरन डॉक्टर से परामर्श लें।

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