किसी भी प्रकार का खबर व विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे 6201984873

  • Breaking News

    जन्मजात दोष और विकृतियों पर स्टॉफ नर्स एवं चिकित्सा पदाधिकारियों का हुआ जिला स्तरीय प्रशिक्षण

    - जन्म के समय ही रोगग्रस्त बच्चों की करें पहचान- डॉ विजय कुमार 

    बेतिया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बेतिया के एक निजी सभागार में सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव डॉ विजय कुमार एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा की अध्यक्षता में बच्चों में होने वाले जन्मजात दोष और विकृतियों की पहचान के संबंध में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण में पश्चिमी चंपारण जिला के सभी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अनुमंडल अस्पताल बगहा, नरकटियागंज से आए हुए चिकित्सा पदाधिकारी तथा प्रसव केंद्र पर कार्यरत लेबरइंचार्ज ने भाग लिया।

    सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मूल मुख्य उद्देश्य जन्म होते ही दोष अथवा विकृति वाले बच्चों की पहचान हो, ताकि जल्द से जल्द ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकें। वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रा ने कहा की लोगों के बीच आरबीएसके के बारे मे जागरूक किया जाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया की ऐसे बच्चों को पहचान करना ही आरबीएस के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने चिकित्सकों को सेवा भावना से कार्य करने का सुझाव दिया। आरबीएसके के समन्वयक रंजन मिश्रा ने कहा कि इस प्रशिक्षण का आयोजन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चे को चिन्हित करना है जिन्हें जन्म से  हृदय में छेद, तालु एवं कटे होठ, सर असामान्य रूप से बड़ा होना, पैर का विकृत होना इत्यादि हो, ऐसे बच्चों को समय पर चिह्नित करते हुए बिहार सरकार के उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में भेज कर उपचार कराया जाता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत वह लोग लाभान्वित होते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर है। मौके पर सीएस डॉ विजय कुमार, एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा, डीपीसी अमित कुमार, जिला महामारी रोग पदा. आर एस मुन्ना, डॉ मनीष कुमार, डॉ विकास कुमार, डॉ विजय कु गुप्ता, सिफार जिला प्रतिनिधि सिद्धांत कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728