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    एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर द्वारा छात्राओं के हीमोग्लोबिन की हुईं जांच

    - आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां की गई वितरित 

    - चक्कर आना, थकान या सिर घूमना, दिल की तेज़ धड़कन या त्वचा का पीलापन एनीमिया के लक्षण 

    मोतिहारी। शहर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, नंदपूर ढेकहाँ, सदर प्रखंड मोतिहारी, में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर छात्राओं की स्वास्थ्य जांच डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम के चिकित्सकों द्वारा किया गया। विद्यालय के लगभग 110 बालिकाओं की जांच की गई। जिनमें सदर प्रखंड अंतर्गत कस्तूरबा बालिका विद्यालय में 23 बालिकाओं की हीमोग्लोबिन की जांच की गई। जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ खालिद अख्तर ने बताया की बालिकाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया एवं आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां दी गई।

    एनीमिया से घबराने की आवश्यकता नहीं: 

    जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि माहवारी एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिससे घबराने या भयभीत होने ही आवश्यकता नहीं है। किशोरियों में माहवारी की शुरुआत 8 से 12 वर्ष के बीच हो जाता है। बल्कि इस समय हमे अपने निजी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। माहवारी के समय संक्रमण से बचने हेतु सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग आवश्यक है। डॉ श्रवण पासवान ने बताया की एनीमिया के शिकार महिलाओ को चक्कर आना, थकान या सिर घूमना, दिल की तेज़ धड़कन या धकधकी होना, त्वचा का पीलापन, नाज़ुक नाखून, सांस फूलना या सिरदर्द लक्षण हो सकते है। वहीं इससे बचाव को आयरन से भरपूर आहार खाना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, खुबानी, अंडे, दाल, नारंगी, मौसमी फल,खजूर, आदि आयरन युक्त आहार का सेवन आवश्यक है। मौके पर डॉ खालिद अख्तर,चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ मोफीज़ अहमद, डॉ सिलकी सलोनी, फार्मासिस्ट शकील अनवर एवं वीणा द्विवेदी एएनएम व अन्य लोग मौजूद थे।

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