पीएमसीएच एवं आईजीआईएमएस में लैब तकनीशियन के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन
•नाईट ब्लड सर्वे के दौरान माइक्रोफ़ाइलेरिया की गुणवत्तापूर्ण जांच के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन.
•38 लैब तकनीशियन को दिया गया प्रशिक्षण
पटना- 10 फ़रवरी से शुरू होने वाले एमडीए ( सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम ) के पूर्व संचालित होने वाले नाईट ब्लड सर्वे के लिए विभिन्न प्रखंडों के लैब तकनीशियन का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है. इसी क्रम में मंगलवार को इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक दिवसीय एवं पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न जिलों के लैब तकनीशियन को प्रशिक्षित किया जायेगा.
नाईट ब्लड सर्वे की गुणवत्ता की जाएगी सुनिश्चित
पीएमसीएच में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नाईट ब्लड सर्वे की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि लैब तकनीशियन के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के 10 मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच, पटना, आईजीआईएमएस, पटना, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, लहरियासराय, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज, गया, नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना, श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया, वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, पावापुरी, जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा एवं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, पूर्णिया में प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर राज्य के 23 जिलों के लैब तकनीशियन को प्रशिक्षित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि सटीक माइक्रो फ़ाइलेरिया दर से ही एमडीए की रणीनीति बनाने में सहायता मिलती है. माइक्रो फ़ाइलेरिया दर के आधार पर ही यह निर्धारित किया जाता है कि संबंधित क्षेत्र में दवा का सेवन कराना है अथवा नहीं.
38 लैब तकनीशियन प्रशिक्षण कार्यशाला में रहे उपस्थित:
पीएमसीएच में तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान पहले दिन गोपालगंज के लैब तकनीशियन को प्रशिक्षित किया गया. कार्यशाला में 14 लैब तकनीशियन शामिल रहे. संस्थान में बुधवार को कैमूर एवं गुरूवार को सिवान के लैब तकनीशियन के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी. कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाते हुए प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लैब तकनीशियन को माइक्रो फ़ाइलेरिया की पहचान एवं प्रयोगशाला में माइक्रो फ़ाइलेरिया दर के सटीक आकलन पर केन्द्रित है. इसलिए लैब तकनीशियन को इसके लिए ख़ास तौर पर स्लाइड बनाना, उसको स्टेन करना, स्मीयर इकठ्ठा करना एवं जब रक्त स्लाइड पर लें तो उसे अंडाकार बनाना आदि सिखाया जाएगा ताकि माइक्रो फ़ाइलेरिया को पहचानने में किसी प्रकार की त्रुटि न हो. कार्यशाला में पिरामल स्वास्थ्य के अमर कुमार भी उपस्थित रहे.
इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक दिवसीय प्रशिक्षण में सारण से 20 एवं अरवल से 4 लैब तकनीशियन उपस्थित रहे. कार्यशाला को संबोधित करते हुए आईजीआईएमएस के प्रोफेसर डॉ. शैलेश कुमार ने कहा कि नाईट ब्लड सर्वे रात 8.30 से शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सर्वे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लैब तकनीशियन को प्रशिक्षित किया जा रहा है. कार्यशाला में डॉ. श्वेता एवं डॉ. निधि ने मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाई. कार्यशाला में संस्थान के डॉ. राकेश कुमार, डॉ. रंधीर कुमार, डॉ. कुमार सौरभ, डॉ. कमलेश राजपाल एवं सहायक स्टाफ उपस्थित रहे. कार्यशाला संचालन में पिरामल स्वास्थ्य के प्रदीप कुमार ने अपना सहयोग किया.
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