डेंगू प्रभावित इलाकों में 500 मीटर के दायरे में कराया जा रहा फॉगिंग
- जिले में डेंगू के 1 सौ 30 केस मिले हैं
- जलजमाव के कारण शहरी और ग्रामीण इलाकों में बढ़ गया है मच्छरों का प्रकोप
- बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क, कराएं खून की जांच: डीभीडीसीओ
मोतिहारी। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, हर जगह लोग मच्छरों के पनपने एवं काटने से परेशान हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू का खतरा बढ़ गया है। पूर्वी चम्पारण के डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के बाद जलजमाव होने से मच्छरों का प्रकोप काफ़ी बढ़ जाता है, जिससे डेंगू के मरीजों के बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि जिले में डेंगू के 1 सौ 30 केस मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को मच्छरों से बचाव करने और सचेत रहने की सलाह दी जाती है और डेंगू प्रभावित इलाकों में 500 मीटर के दायरे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा छिड़काव करवाया जा रहा है। शुक्रवार को कोटवा, अहरौलिया के धीरज कुमार के घर के 500 मीटर के दायरे में मलेरिया ऑफिस के कर्मचारी जाकिर व अन्य लोगों के द्वारा भीडीसीओ रविंद्र कुमार व डीभीडीसीओ कंसल्टेंट अभिषेक कुमार की देखरेख में फॉगिंग कराया गया।
दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी:
पूर्वी चम्पारण के सीएस डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू एडिस मच्छर के काटने से होता है। यह पानी जमने के बाद पनपता है। इसमें बुखार लगने के साथ ब्लड का प्लेटलेट घट जाता है और व्यक्ति अत्यधिक कमजोर हो जाता है। समय पर इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा भी साबित होता है। इस बावत जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम द्वारा भी समय समय पर फॉगिंग कराया जाता है। इसलिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। आसपास का इलाका स्वच्छ रखें। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ-सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी सतर्कता जरूरी है।
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