किसी भी प्रकार का खबर व विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे 6201984873

  • Breaking News

    राज्य में स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की गारंटी दे रहा एनक्यूएएस प्रमाणीकरण

    -राज्य के 10 राष्ट्रीय व 24 राज्य स्तरीय एनक्यूएएस का मिल चुका है प्रमाणीकरण

    -सीतामढ़ी जिला अस्पताल को एनक्यूएस, मुस्कान, कायाकल्प सहित लक्ष्य का मिला है राष्ट्रीय प्रमाणीकरण

    पटना। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम की शुरुआत की गई, ताकि सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता में सुधार के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य की गारंटी मिल सके। यह प्रमाणीकरण न सिर्फ सरकारी अस्पतालों की मुलभूत सुविधाओं को बढ़ाता है बल्कि समुदाय के बीच बेहतर उपचार एवं सेवा के विश्वास को भी बढ़ावा देता है। मौजूदा वर्ष में राज्य के 10 जिला स्तरीय अस्पतालों को राष्ट्रीय तथा 24 स्वास्थ्य संस्थानों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस के प्रमाणीकरण से नवाजा गया है। प्रमाणीकरण की इस कड़ी में सीतामढ़ी जिले ने राज्य में एक मिसाल कायम की है, जिसमें उसने लक्ष्य का राष्ट्रीय सर्टिफिकेट, कायाकल्प सर्टिफिकेट, जुलाई में मुस्कान का राष्ट्रीय सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। बेहतरीन ओटी रूम, 24 घंटे लैब, डोनर की सुविधा के साथ ब्लड बैंक, सुविधापूर्ण ओपीडी के साथ इमरजेंसी सुविधा मिल रही है। वहीं लक्ष्य सर्टिफिकेशन से ब्लॉक से रेफर हो कर आए एनिमिक और क्रिटिकल मरीजों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है। प्रमाणीकरण से बेहतर हुए स्वास्थ्य सुविधाओंं का नतीजा ही है कि जिले के सामान्य प्रसव में 5 से 10 फीसदी तथा सिजेरियन में 20 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।

    वैशाली जिले के सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि प्रमाणित संस्थानों से यहां आने वाले मरीजों को संस्थान पर भरोसा होता है। हमारा भी प्रयास है कि हम अपने स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतारें। 

    एनक्यूएएस समर्पित अधिकारी से बढ़ेगी प्रमाणित संस्थाओं की संख्या: 

    फिलहाल राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय टीम राज्य के सरकारी संस्थानों का मुआयना कर रही है। इस संबंध में एनक्यूएएस के नेशनल ऐसेसर,जेएसआई के डॉ अंकुर सूदेन के अनुसार “ एनक्यूएएस प्रमाणीकरण बिहार राज्य के लिए स्वास्थ्य प्रदर्शन का संकेत है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के बाद निजी अस्पतालों में भी इसकी शुरुआत होनी चाहिए। अगर राष्ट्रीय प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित अधिकारी हो तो बिहार जैसे राज्य में सर्टिफाइड संस्थाओं की संख्या बढ़ सकती है।

    मासिक सर्विलांस भी जरूरी:

    राज्य स्तरीय एनक्यूएएस ऐसेसर डॉ विजय कुमार चौधरी का मानना है कि वैसे संस्थान जिन्हें सर्टिफिकेट मिल चुका है उन्हें अपनी सुविधाओं को बहाल रखने के लिए हर महीने अपना मासिक सर्विलांस और मौजूद कमियों पर काम करने की जरूरत है। 

    एनक्यूएएस वास्तव में राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिए एक वरदान की तरह साबित हो रहा है,जिससे विभिन्न मानकों पर काम का संस्थान को उत्कृष्ट बनाया जा रहा है। जैसी चिंता राष्ट्रीय जांचकर्ता ने भी जताई है कि अभी भी यहां एक संस्थानों की जांच के लिए समर्पित जांचकर्ताओं की जरूरत है,अगर ऐसा होता है तो निश्चित ही यहां राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय सर्टिफाइड संस्थानों में बढ़ोतरी होगी। यह बढ़ोतरी हमारे बढ़ते स्वास्थ्य सुविधाओं को भी प्रदर्शित करेगी।

    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728