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    अधिक धूम्रपान-तंबाकू सेवन करने वालों में होता है टीबी के साथ कैंसर का खतरा, बरतें सावधानी - डॉ मुर्तजा अंसारी

    - 2 हफ्ते से ज्यादा समय से बलगम वाली खांसी, बुखार व लगातार वजन कम हो तो टीबी की जाँच जरूरी 

    -  दवा का पूरा कोर्स करने व इलाज कराने पर टीबी हो जाता है ठीक 

    बेतिया। भारत सरकार के वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के संकल्प को साकार करने के लिए जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिले के बेतिया, नरकटियागंज, मझौलिया, बगहा आदि के स्वास्थ्य केंद्रों पर एवं आसपास के क्षेत्रों में सामुदायिक स्तर पर टीबी से बचाव को जागरूकता के कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग एवं सहयोगी संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि अधिक से अधिक लोग टीबी, मुँह के कैंसर के बारे में जानकारी प्राप्त कर इससे सुरक्षित रह सकें। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मुर्तजा अंसारी ने बताया कि प्रायः देखा जाता कि मजदूरी करने वाले, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग अत्यधिक मात्रा में तम्बाकू का सेवन करते हैं। जिससे उन्हें टीबी, कैंसर रोग के संक्रमण की संभावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन करने वाले लोगों में कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। धूम्रपान करने वालों के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जिससे टीबी से होने वाली मृत्यु हो सकती है। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से कैंसर ही नहीं टीबी भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान कैंसर के अलावा टीबी होने के खतरे को बढ़ा देता है। डॉ मुर्तजा ने बताया कि टीबी से पीड़ित लोगों के लिए तंबाकू सेवन और भी अधिक खतरनाक साबित होता है। तंबाकू का इस्तेमाल हृदय रोग, कैंसर और फेफड़े की पुरानी बीमारी तथा मधुमेह को जन्म देता है। तंबाकू का उपयोग संक्रामक रोगों जैसे टीबी और श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए भी घातक है। धूम्रपान, टीबी रोग पैदा करने वाले माइकोबैक्टेरियम से लड़ने की रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बनाता है। इसलिए इनसे दुरी बनाने के साथ ही संतुलित भोजन पर ध्यान देना चाहिए। 

    लक्षण हो तो जाँच जरूर कराएं: 

    जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि यक्ष्मा केन्द्र सहित सभी अनुमंडलीय व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी मरीजों की जाँच व इलाज की सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि 2 हफ्ते से ज्यादा समय से बलगम वाली खांसी, बुखार हो, लगातार वजन  कम हो तो टीबी की जाँच करानी चाहिए। ये टीबी होने के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि टीबी होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें दवा का पूरा कोर्स करने व इलाज कराने पर टीबी ठीक हो जाता है। टीबी मरीजों से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखना चाहिए। लेकिन साफ-सफाई व सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। उनसे बातचीत के दौरान मास्क लगाना चाहिए। यह एक संचारी रोग है जो टीबी मरीजों के सम्पर्क में रहने पर हवा के माध्यम से भी फैलता है।

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