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    सरकारी अस्पताल में इलाज कराकर टीबी मुक्त हुए मरीज

    - पूरी दवा का सेवन कर टीबी को दे सकते हैं मात- प्रशांत कुमार 

    - टीबी मुक्त होने पर प्रमाण-पत्र देकर टीबी चैम्पियन के रूप में चयनित किया गया 

    बेतिया। अनुमंडलीय अस्पताल नरकटियागंज में टीबी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की मासिक बैठक आयोजित हुई। यह स्वास्थ्य विभाग एवं केएचपीटी द्वारा आयोजित की गईं। जिसमें टीबी मरीजों को दवा सेवन के दौरान हो रही समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रशांत कुमार व एसटीएस रजनीश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल में टीबी की निःशुल्क जाँच व दवा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि कई लोग इलाज कराकर टीबी से ठीक भी हो रहे हैं।

    डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि टीबी मरीजों को नियमित दवा सेवन करने की सलाह दी गयी है। उन्हें बताया गया कि टीबी की दवाओं को बीच में छोड़ने पर मरीजों में एमडीआर टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे मरीजों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों से बचने के लिए टीबी की दवा सही समय पर खाएं। पूरा कोर्स करें। ऐसा करने पर टीबी मुक्त हो सकते हैं। 

    टीबी मरीजों को निक्षय पोषण राशि खाते में भेजी जाती है- 

    एसटीएलएस उपेन्द्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए मरीज के खाता में भेजती है। ताकि टीबी मरीज नियमित दवा सेवन करने के साथ - साथ प्रोटीन युक्त भोजन जैसे - दाल, अंडा, पनीर, सोयाबीन, ड्राई फ्रूट्स, हरे पत्तेदार सब्जियों की सेवन करे। इससे टीबी बीमारी को हराने में जल्दी मदद मिलेगी। 

    टीबी मुक्त होने पर मिला प्रमाण पत्र- 

    सामुदायिक समन्वयक अन्नु कुमारी ने बताया कि उपचार पूर्ण हुए टीबी मरीजों को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रशांत कुमार के द्वारा टीबी मुक्त प्रमाण पत्र दिया गया। साथ ही इन्हें टीबी चैम्पियन के रूप में चयनित कर टीबी के लक्षण व इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करने का सुझाव दिया गया। वहीं टीबी चैंपियनों ने कहा कि जानकारी देकर अपने आस- पड़ोस, गांव के लोगों को जागरूक कर सुरक्षित करेंगे। 

    टीबी बीमारी के लक्षण- 

    दो सप्ताह से अधिक खांसी, बलगम में खून आना, सीने में दर्द एवं सांस फूलना, रात में पसीना आना, भूख में कमी, वजन घटना, थकान होना आदि है।

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