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    चमकी बुखार से बचाव को जिला हुआ अलर्ट

    चमकी बुखार से बचाव को जिला हुआ अलर्ट

    - जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर हो रही है स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक

    - जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों मे फैलाई जा रही जागरूकता

    - महादलित टोलों पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

    - आशा, एएनएम को ओआरएस व पारासिटामोल की दवाएं उपलब्ध कराई गई

    मोतिहारी, 21 मार्च। चमकी बुखार से बचाव को लेकर पूर्वी चम्पारण जिले का स्वास्थ्य विभाग अब पूरे तरह से अलर्ट मोड पर आ चुका है। इसे लेकर सोमवार को जिले के हरसिद्धि, आदापुर, मोतिहारी समेत कई स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक आयोजित की गई। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के द्वारा अपने प्रखण्ड क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों को भी चमकी बुखार से बचाव को निर्देश देते हुए बैठक का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही आशा, एएनएम को ओआरएस व पारासिटामोल की दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

    स्वास्थ्य केंद्रों पर हो रही है स्वास्थ्य कर्मियों की बैठक- जिले के हरसिद्धि, आदापुर, मोतिहारी समेत कई प्रखण्डों के महादलित टोलों में चमकी के मामलों में कमी के लिए सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा बैठक आयोजित की गई। जिसमें चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। वहीँ स्वास्थ्य केंद्र हरसिद्धि में चमकी से बचाव को बैठक का आयोजन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार की अध्यक्षता में किया गया। मौके पर डॉ सुनील कुमार ने बताया कि बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।  

    जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों मे फैलाई जा रही जागरूकता-

    पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि चमकी बुखार/ एईएस बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इसका प्रभाव  6 माह से 14 वर्ष तक के बच्चों में देखा जाता है। यह गर्मियों के महीनों में विशेष रूप से जिले के कुछ प्रखण्डों में पाया जाता है। इसके लक्षण है कि- इसमें बच्चों को लगातार तेज बुखार रहना, बदन में लगातार ऐंठन होना, दांत पर दांत दबाए रहना, सुस्ती, कमजोरी की वजह से बेहोशी आना, चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।

    सीएस ने बताया की इससे बचाव को जिला के स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि लोगों को भी  चमकी बुखार को ले जागरूक रहने की आवश्यकता है। बच्चों को धूप में न जाने दें। साफ सफ़ाई पर ध्यान दें। बच्चों को रात में खाली पेट न सोने दें। रात में  हल्का मीठा भोजन जरूर कराएं।  इलाज में देरी न करें। स्थिति असमान्य होने पर एम्बुलेंस भाड़ा कर जिला अस्पताल ले आएं। बच्चों के अस्पताल ले आने का भाड़ा सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराया जाएगा।

    चमकी के प्रति जागरूकता जरूरी-

    डीआईओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि पूर्व के सालों की अपेक्षा चमकी के मामलों में कमी आई है। इसलिए सही समय पर लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है। 

    मौके पर हरसिद्धि सीओ डॉ चन्द्रशेखर तिवारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार,योगेश कुमार,प्रखंड प्रबंधक केयर विक्रान्त कुमार, संदीप कुमार,अर्चना कुमारी, उषा कुमारी, प्रियंका कुमारी, जनमेजय कुमार, बबलू कुमार सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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