फाइलेरिया से होने वाले विकलांगता को रोग नियंत्रण तकनीक से रोका जा सकता है: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, मुशहरी।
फाइलेरिया से होने वाले विकलांगता को रोग नियंत्रण तकनीक से रोका जा सकता है: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, मुशहरी।
-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुशहरी में फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन एवं नियंत्रण के गुर सिखाए गए।
-फाइलेरिया रोगियों के बीच किया गया कीट का वितरण।
-फाइलेरिया प्रभावित सभी गांवों में कैम्प आयोजित कर रोग प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी: आलोक कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मुशहरी।
मुजफ्फरपुर। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुशहरी में फाइलेरिया रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए कैम्प का आयोजन कर फाइलेरिया मरीजों को रोग नियंत्रण एवं प्रबंधन के तरीके बताए गए।
प्र०चि०पदा० ने फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी कीट वितरित करते हुए फाइलेरिया रोग प्रबंधन में कीट उपयोग के तरीके को विस्तार पूर्वक बताया। आयोजित कैम्प में मुशहरी प्रखंड के प्रहलादपुर, नवादा, नरौली एवं अन्य क्षेत्रों के फाइलेरिया मरीजों ने भाग लिया। कैम्प में आए मरीजों ने बताया कि रोग प्रबंधन तकनीक सीखने के बाद उन्हें होने वाली परेशानी कम होगी। अब तक रोग प्रबंधन के तरीके नहीं जानने के कारण कई तरह की समस्या हो रही थी। कैम्प में आने के बाद उन समस्याओं के कारण को जाना और प्रबंधन तकनीक से उसे नियंत्रित करने के तरीके भी सीखे।
एफपीडब्लू मोहित मृदुल ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुशहरी में नियमित रूप से प्रत्येक मंगलवार को फाइलेरिया मरीजों को चिकित्सकीय परीक्षण एवं सलाह दी जाती है। साथ ही साथ गंभीर रूप से पीड़ित फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी कीट भी नि: शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में फाइलेरिया के प्रसार को देखते हुए सभी प्रभावित गांवों में एमएमडीपी प्रशिक्षण के कैम्प का आयोजन किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक फाइलेरिया मरीजों को लाभ मिल सके।
आयोजित कार्यक्रम में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के जिला समन्वयक सुमित सिन्हा एवं नीतू कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार, एपपीडब्लू मोहित मृदुल, भीबीडीएस पूजा कुमारी, केयर इंडिया के प्रतिनिधि, सामाजिक उत्प्रेरक विनय कुमार प्रशांत एवं अन्य उपस्थित थे।
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