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    जिले में 4 सालों में कालाजार के 75 प्रतिशत तक मरीज हुए कम

    जिले में 4 सालों में कालाजार के 75 प्रतिशत तक मरीज हुए कम

    - कामिश वेब पोर्टल द्वारा कालाजार के मरीजों की होती है निगरानी

    - बालू मक्खियों के काटने से होता है कालाजार

    - राज्य सरकार व भारत सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों को दी जाती है आर्थिक सहायता

    मोतिहारी, 31 जनवरी। पूर्वी चंपारण जिला कालाजार के मरीजों के इलाज व जागरूकता में  अग्रणी साबित हो रहा है। यहां पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार कालाजार के मामलों में काफी कमी आ रही है। वर्तमान में इस जिले में 75 प्रतिशत तक मरीजों के मामलों में कमी आ चुकी है।      यह कहना है डीभीबीडीसीओ डॉक्टर शरद चंद्र शर्मा का। उन्होंने बताया कि कालाजार, बालू मक्खियों के काटने से होता है।  पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण यह संभव हो पाया है कि जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है। भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कामिश वेब पोर्टल पर कालाजार के मरीजों का डाटा सुरक्षित रखते हुए मरीजों की निगरानी तथा उनके आंकड़ों का प्रबंधन की जाती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के  भीबीडीएस व केयर इंडिया के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर द्वारा कालाजार के मरीजों की फॉलोअप जांच 1 माह 6 माह एवं 12 माह पर  की जाती है। रिपोर्ट को पुनः कामिश वेब पोर्टल पर पर अपलोड किया जाता है। जिसकी निगरानी जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा की जाती है।

    - जिले में 4 सालों में कालाजार के 75 प्रतिशत मरीज हुए कम:

    जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ शरद चंद्र शर्मा ने बताया कि कालाजार बीमारी दो तरह का होता है । पहला पेट का कालाजार,जिसे भीएल और दूसरा चमड़ी का कालाजार, जिसे पीकेडीएल कहते हैं। उन्होंने बताया  जिले में दोनों ही तरह के कालाजार संक्रमित मरीजों की संख्या में विगत 4 वर्षों के मामलों में काफी कमी आई है। डॉ शर्मा ने बताया कि 2018 में 196 भीएल और 51 पीकेडीएल मरीज पाए गए। 2019 में 119 भीएल और 17 पीकेडीएल। 2020 में 69 भीएल व 17 पीकेडीएल । 2021 में 52 भीएल व 15 पीकेडीएल के मरीज पाए गए थे। वहीं जनवरी 2022 में कोई कालाजार का मरीज नहीं पाया गया है। जिले को कालाजार से मुक्त करने के अभियान में जल्द ही आशा व स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग दी जाएगी । पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में कालाजार के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

    - राज्य सरकार व भारत सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों को दी जाती है आर्थिक सहायता:

    राज्य सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों की आर्थिक सहायता हेतु 66 सौ रुपए दी जाती वहीं भारत सरकार द्वारा ₹500 अलग से दी जाती है। उन्हें कुल 7100 रुपयों की  आर्थिक सहायता दी जाती है।

    - कालाजार के रोगियों के प्रमुख लक्षण: 

    भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने  बताया कालाजार में व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार , तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है। 

    - छिड़काव के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें:

    समय समय पर जिले के कई प्रखंडों में कालाजार का छिड़काव किया जाता है। उन्होंने बताया  कालाजार के कीटनाशक का छिड़काव घरों की दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर हो रहा है।

    - घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें , अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें। 

    - भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।

    -  रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव कराएं।

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