गलती कहां हुई पता नहीं, पर सीख बहुत गहरी मिली
- 15 दिन होम आइसोलेशन में रह बीसीएम बबीता ने दी कोरोना को मात
- रोज रात में दूध में हल्दी डालकर पीना नहीं भूली
वैशाली। 14 मई
देसरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बीसीएम बबिता कुमारी आज कोरोना निगेटिव हो चुकी हैं। जिसके लिए उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति,धैर्य और आत्मबल का सहारा लिया। बबीता कहती हैं कि उनका जीवन सामान्य था। घर से ऑफिस के अलावा वह कहीं नहीं जाती थी। कहां चूक हुई पता नहीं, पर इससे जो सीख मिली वह बड़ी गहरी समझ दे गया। ऑफिस से घर आने पर 14 अप्रैल को सर में दर्द और फीवर हुआ। सामान्य सी दवा ली, मगर ठीक नहीं हुआ। मन में शंका हुई तो 15 को एंटीजन से टेस्ट कराया। पॉजिटीव रिजल्ट देख उन्हें यकीन नहीं हुआ। फिर उन्होंने आरटी पीसीआर का टेस्ट कराया। वहां भी उनका रिजल्ट पॉजिटीव आया। उनसे उनके घर में दो लोग और संक्रमित हो गए। जिसमें एक छोटा बच्चा भी था।
एलौपैथ और आयुर्वेद दोनों का लिया सहारा
बबीता कहती हैं- "रिजल्ट पॉजिटीव आने पर मैंने होम आइसोलेशन में रहने का मन बनाया। इस दौरान मैंने अपने जरुरत की सारी चीजें अलग रखी। मेडिकल किट में दी गयी सारी दवाओं को रेगुलर लिया। रोजाना चार से पांच बार गर्म पानी का भाप लिया। रात को दूध में हल्दी डालकर मैंने पीना कभी नहीं भूला। सुबह को प्राणायाम की, अनुलोम विलोम जैसे योग का सहारा लिया। योग को अब मैंने जीवन में ही साकार कर लिया है। 15 दिन होम आइसोलेशन में रहने के बाद मैंने कोरोना को मात देकर निगेटिव हो गयी" ।
घर वालों ने घर में पहना मास्क:
बबिता बताती हैं-" होम आइसोलेशन में मैं एक रुम में रहती थी। उस दौरान मैंने तो डबल मास्क का उपयोग किया। यहां तक कि मेरा बाथरुम भी अलग हुआ करता था। मेरे घर वाले भी मास्क लगाकर घर में रहते थे, ताकि हवा के द्वारा संक्रमण न फैल पाए। वहीं लगातार मेरे रुम और घर को सेनेटाइज भी कराती रही।
जरुरत हो तभी घर से बाहर निकलें:
बबीता कहती हैं अभी ऐसे भी लॉकडाउन है। ऐसे में जब बहुत ज्यादा जरुरी हो तभी घर से बाहर निकलें। अगर आपके पास तीन लेयर वाला मास्क नहीं है तो बाहर निकलते वक्त दो मास्क पहन कर निकलें। आपकी एक छोटी सी भूल भी आपके परिवार को कोरोना के संक्रमण की जद में ला सकती है।
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