सभी विभाग करें दवा खिलाने में सहयोग- ग्रामीण विकास मंत्री
•एमडीए अभियान में अंतर्विभागीय सहयोग सुनिश्चित करने के लिए कार्यशाला का हुआ आयोजन, पंचायती राज, जीविका एवं शिक्षा विभाग के राज्य एवं जिला के अधिकारीयों ने लिया भाग
•राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं पिरामल फाउंडेशन के तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित
•37 जिलों के शिक्षा, पंचायती राज विभाग एवं जीविका के अधिकारीयों ने की शिरकत
•1.5 करोड़ जीविका दीदी करेंगी इस कार्यक्रम में सहयोग
पटना- आगामी 10 फ़रवरी से प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम ( एमडीए ) में अंतर्विभागीय सहयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पटना स्थित एक निजी होटल में राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री एवं मुख्य अतिथि श्रवण कुमार ने कहा कि फ़ाइलेरिया का उन्मूलन जरुरी हैं क्यूंकि इससे ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन से हताश हो जाता है और लाचारी का अनुभव करता है. प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए समुदाय स्तर पर व्यापक जागरूकता फैलाने की जरुरत है. सभी योग्य व्यक्ति अभियान के दौरान दवा का सेवन करें इसके लिए सभी उपस्थित विभाग अपने मानव बल के साथ इस अभियान में अपना सहयोग सुनिश्चित करें.
स्कूलों में दवा सेवन कराने पर दें ध्यान:
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा अक्सर लोग यह सोचते हैं कि जब उन्हें फाइलेरिया नहीं है तो दवा क्यों खाएं, जबकि यह दवा विशेष रूप से उन लोगों को दी जाती है जिन्हें अभी बीमारी नहीं है, ताकि भविष्य में वे संक्रमित न हों। इसलिए वर्ष में एक बार यह दवा सभी को अवश्य खानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें फाइलेरिया जैसी बीमारी को बिहार से पूरी तरह समाप्त करना है, जिसके लिए जीविका दीदियों का पूर्ण सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। माननीय मंत्री ने जीविका दीदियों से अपील की कि वे फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, जीविक दीदी समुदाय में लोगों और परिवारों को जागरूक एवं प्रेरित कर अहम् भूमिका निभा सकती हैं. स्वयं एवं अपने परिवारजनों के साथ एमडीए दवा का सेवन करें तथा अपने आसपास के लोगों को भी इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए दवा खाने के लिए प्रेरित करें। कि 1.77 लाख बच्चे राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. विशेष रणनीति बनाकर इन बच्चों को दवा खिलाई जाए. दवा खिलाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाये कि दवा सेवन के लिए बच्चों के अभिभावकों की सहमती हो. अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. श्यामा राय ने भी सभी विभागों से एमडीए अभियान के दौरान लोगों को दवा खिलाने में अपना सहयोग करें.
सभी दवा खाएं, एमडीए अभियान की सफलता का यही मूलमंत्र:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए वरीय क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पटना डॉ. रविशंकर सिंह ने कहा कि सभी योग्य व्यक्ति दवा खाएं, यही एमडीए अभियान की सफलता का मूलमंत्र है. उन्होंने कहा सभी विभाग अभियान की सफलता के लिए जरुरी सहयोग करें. पिरामल फाउंडेशन के कोर सदस्य एवं बिहार सह झारखंड के स्टेट एनटीडी लीड बिकास सिन्हा ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए युवाओं एवं शिक्षकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है. उन्होंने शिक्षा, पंचायती राज एवं जीविका द्वारा अपेक्षित सहयोग की चर्चा की.
निदेशक, मध्यान्न भोजन विनायक मिश्रा ने कहा कि विभाग अभियान की सफलता में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेगा. जीविका के निदेशक रामनिरंजन सिंह ने कहा जीविका से 1.5 करोड़ परिवार जुड़े हैं और जीविका दीदियाँ अभियान में अपनी सक्रीय भागीदारी सुनिश्चित करेंगी. पंचायती राज विभाग के ओ.एस.डी. गोपाल शरण ने भी सबके सहयोग से अभियान को सफल बनाने पर बल दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि राज्य में इस समय हाथीपांव के 1.60 लाख चिन्हित मरीज हैं. उन्होंने बताया कि भारत के 20 राज्यों के 338 जिले फ़ाइलेरिया से ग्रसित हैं और बिहार राज्य के सभी जिले इससे प्रभावित हैं. डॉ. पांडेय ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए.
कार्यशाला का संचालन पिरामल फाउंडेशन के अनद ने किया. कार्यशाला के अंत में राज्य फ़ाइलेरिया सलाहकार, डॉ. अनुज सिंह रावत ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यशाला में पिरामल फाउंडेशन की तरफ से स्टेट एनटीडी लीड बासब रूज, अंशु कुमार, प्रीति कुमरी, अभिषेक, आनंद कश्यप एवं सिफार एवं अन्य सहयोगी संस्थानों के प्रतनिधियों ने शिरकत की.
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