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    कायाकल्प एवं एनक्यूएएस पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

    - जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कायाकल्प व एनक्यूएएस असेसमेंट होना है: डॉ चंद्रा 

    - जन-जन तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने से जनता का विश्वास दृढ़ होगा

    बेतिया। जिले के सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार की अध्यक्षता में कायाकल्प एवं एनक्यूएएस कार्यक्रम को लेकर जिले के एक निजी होटल में अनुमण्डलीय अस्पताल के उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कायाकल्प एवं एनक्यूएएस का असेसमेंट होना है जिसमें सभी स्वास्थ्य संस्थानों को प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन के साथ सही रूप से तैयार रहना है और उसमें क्वालिफाई हेतु मिनिमम 70% नंबर लाना जरूरी है। डॉ आलोक ने बताया कि एनक्यूएएस के लिए 8 एरिया ऑफ़ कंसर्न है एवं कायाकल्प के लिए 8 थेमेटिक एरिया है। इसके अलावा संस्थान इको फ्रेंडली हो और वाश से संबंधित भी पैरामीटर दिया गया है। जिसके आधार पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों को नंबर मिलना है। उसी के आधार पर उनका चयन होना है। अगर किसी संस्थान का इसमें चयन होता है तो उसके लिए उन्हें अवार्ड सर्टिफिकेट के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि भी देय होता है।

    जन-जन तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने से जनता का विश्वास दृढ़ होगा:

    जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मुर्तजा अंसारी ने बताया कि जन-जन तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता का विश्वास दृढ़ होगा। मुर्तुजा अंसारी ने कहा कि पश्चिमी चम्पारण जिले में 18 प्रखंड हैं जहाँ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को बेहतर करने का प्रयास किया जाना है। उन्होंने बताया कि प्रखण्ड बैरिया, चनपटिया, गौनाहा, मैनाटांड, नरकटियागंज, सिकटा, योगापट्टी, लोरिया के विभिन्न एचडब्लूसी को चिन्हित कर वहाँ क़्वालिटी एंड सर्विस बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर कार्यरत हों। उन्होंने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को तीन स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है। जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की शुरुआत की गई है। इस मौके पर एसीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्रा, एनसीडीओ डॉ मुर्तुजा अंसारी, डॉ आलोक कुमार, सभी उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा  पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक, डेवलपमेंट पार्टनर पिरामल एवं पीएसआई संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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