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    सदर अस्पताल मोतिहारी से निकली एम्बुलेंस की गूंज, दिल के छेद के मरीजों के इलाज का हुआ शंखनाद

    - 70 बाल ह्रदय रोगियों को स्क्रिनिंग हेतु एम्बुलेंस से पटना भेजा गया

    - पूरे बिहार में सबसे ज्यादा बाल ह्रदय रोगियों को स्क्रिनिंग हेतु एम्बुलेंस से भेजा गया

    - जिलास्तर पर बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी होंगे सम्मानित - डॉ श्रवण पासवान

    मोतिहारी। सदर अस्पताल मोतिहारी से 03 बजे सुबह के समय में 10 एम्बुलेंस की गूंज दिल के छेद के मरीजों का शंखनाद कर रहीं थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत सदर अस्पताल परिसर से डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, आरबीएस के डीसी डॉ शशि ने हरी झंडी दिखाते हुए जिले के 70 बाल ह्रदय रोगियों को स्क्रिनिंग हेतु एम्बुलेंस द्वारा बजते हुए सायरन की आवाज के साथ पटना भेजा। इसके लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग एवं आरबीएसके समन्वयक 02 माह पूर्व से ही जोर शोर से तैयारी की जा रहीं थीं, जिसका परिणाम हुआ की पूरे बिहार में सबसे ज्यादा पूर्वी चम्पारण जिले के 70 बाल ह्रदय रोग के मरीजों की मेडिकल कैंप में हिस्सेदारी हुईं। इस सम्बन्ध में जिले के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया की ह्रदय रोग से पीड़ित जिले के विभिन्न प्रखंडो के 70 बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ 14 एवं 15 सितंबर को आईजीआईसी, पटना में लगने वाले मेडिकल कैंप में भेजा गया, जहाँ श्री सत्य साई अस्पताल,अहमदाबाद के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ की टीम द्वारा बिहार के सभी जिलों से आए दिल के मरीजों की जांच कर चिकित्सकीय परामर्श दी गईं।

    जिलास्तर पर बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी होंगे सम्मानित:

    डॉ पासवान ने बताया की गंभीर बाल ह्रदय के रोगियों को मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना अन्तर्गत शल्य चिकित्सा हेतु श्री सत्य साई अस्पताल अहमदाबाद भेजा जाएगा। उन्होंने बताया की अभी तक के इतिहास मे बाल हृदय योजना शिविर में जाने वाले मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। पूर्वी चम्पारण बाल ह्रदय योजना शिविर में सबसे अधिक मरीज भेजने वाला बिहार का जिला बन चुका है। इसके लिए उन्होंने जिले के स्वास्थ्य विभाग एवं समन्वयक डॉ शशि मिश्रा व सभी आरबीएसके टीम को बधाई दी, उन्होंने कहा बाल ह्रदय मरीजों की सेवा करने वाले चिकित्सक फरमासिस्ट व सहयोगियों को "कर्मवीर" का दर्जा देते हुए प्रशस्ति पत्र देकर जिलास्तर पर सम्मानित किया जाएगा। शिविर में जाने वाले मरीजों की सुविधा के लिए डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने मरीजों को उसके निवास स्थान से एंबुलेस द्वारा सदर अस्पताल बुलवाने एवं ठहरने के इंतजाम किए थे।

    जिले से 190 दिल के छेद के मरीज किए गए थें चिन्हित:

    आरबीएसके की डीसी डॉ शशि मिश्रा ने बताया कि जिले से 190 दिल के छेद के मरीज चिन्हित किए गए हैं, लेकिन बाल हृदय योजना शिविर की अवधि केवल दो दिन होने के कारण स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा केवल 70 चयनित मरीजों को ही भेजने की अनुमति मिल पाई थी, आगे बाकी मरीजों को भी भेजा जाएगा। मौके पर डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ शशि मिश्रा, नौशाद अहमद, उपेंद्र राय, जौवाद हुसैन, आनंद कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौके पर मौजूद थें।

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