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    दूषित पानी व खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है डायरिया: सिविल सर्जन

    - रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी, जिला स्वास्थ्य समिति से हुई ‘स्टॉप डायरिया" कार्यक्रम की शुरुआत

    बेतिया। जिला स्वास्थ्य समिति बेतिया से ‘स्टॉप डायरिया" कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने किया। इस दौरान सीएस ने स्वास्थ्य कर्मियों व आमजनों को डायरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 22 सितंबर तक जिले में अभियान चलाया जाएगा। सिविल सर्जन ने कहा कि यह एक गंभीर रोग है जिसका तुरंत इलाज आवश्यक होता है। यह रोग मुख्यतः दूषित पानी एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। डायरिया से बचाव एवं उसकी रोकथाम को लेकर जन समुदाय में सभी 18 प्रखंडो में जनजागरूकता कार्यक्रम स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चलाया जाएगा। एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा ने 'स्टॉप डायरिया अभियान' के दौरान कहा कि डायरिया एक संक्रामक बीमारी है जो गंदे हाथों से भोजन करने, संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद रोगाणुओं से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर फैलता है।  खाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना बहुत आवश्यक है। 

    आशाओ को पर्याप्त मात्रा में जिंक और ओआरएस उपलब्ध कराया गया है:

    डीआईओ अवधेश कुमार एवं डीसीएम राजेश कुमार ने कहा कि जिले के सभी आशाओ को पर्याप्त मात्रा में जिंक और ओआरएस उपलब्ध कराया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को घर घर 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले सभी परिवार को चिन्हित कर ओआरएस के पैकेट वितरित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आह्वान किया।

    डायरिया के लक्षण:

    - जी मिचलाना

    - पेट में मरोड़

    - लूज मोशन

    - सूजन

    - डिहाइड्रेशन

    - बुखार

    - मल में खून आना

    मौके पर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार, एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा, डीआईओ अवधेश कुमार, डीसीएम राजेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, राजीव कुमार यूनिसेफ़ जिला प्रतिनिधि, आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे।

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