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    बेगूसराय का दो एचडब्ल्यूसी सूबे के स्वास्थ्य केद्रों के लिए बना मिसाल

    -कटरमाला और बारु दक्षिणी एचडब्ल्यूसी को मिला है राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणीकरण 

    -141 तरह की दवाएं और 14 तरह की जांच उपलब्ध है एचडब्ल्यूसी कटर माला में 

    पटना। अमूमन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) का जिक्र आने पर हमारे मन में सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं वाली स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीर उभरती है। पर इनमें ही कुछ ऐसे एचडब्ल्यूसी हैं जिन्होंने न सिर्फ राज्य को गौरवान्वित किया है, बल्कि सूबे के अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों को अपने बूते राह भी दिखा रहे हैं। हाल ही में बेगूसराय जिले के दो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कटरमाला और बारु दक्षिण को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंर्डड के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इन दोनों एचडब्ल्यूसी ने एनक्यूएसस के हर मानक पर खरा उतर अपने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा देने में मिसाल कायम की है। इन्हें राष्ट्रीय प्रमाणीकरण के सात मानकों में कुल 90.99 प्रतिशत अंक मिले हैं।

    चुनौतियों को बनाया माध्यम: 

    कटरमाला एचडब्ल्यूसी के सीएचओ सतीश रमण ने बताया कि सबसे पहला काम इस सेंटर पर यहां के इंफ्रा उन्नति के लिए किया गया। जनरेटर और इन्वर्टर के माध्यम से बिजली की व्यवस्था, मरीजों के लिए पानी और दो शौचालय की व्यवस्था की गयी। इसके बाद सर्विस पर ध्यान दिया गया जिसके अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति और जन आरोग्य समिति के सहयोग से 151 तरह की आवश्यक दवाओं के साथ 14 तरह की जांच की उपलब्धता और प्रतिदिन ओपीडी संचालित हो इसके लिए एक डेडिकेटेड एएनएम की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी। इसके अलावा दी जाने वाली सेवाओं में एएनसी सर्विस, एनसीडी स्क्रीनिंग, टेली-कंस्लटेशन जैसी सुविधाओं को सुलभ बनाया गया। प्रत्येक महीने की 14 तारीख को सेंटर पर स्वास्थ्य मेला का भी आयोजन किया जाता है। 

    इमरजेंसी की सुविधा भी है उपलब्ध:

    सीएचओ डॉ सतीश रमण ने बताया कि इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एक बेड की इमरजेंसी सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे यहां फर्स्ट एड की सुविधा और विषम परिस्थिति में एसबीए प्रशिक्षित नर्स द्वारा सामान्य प्रसव भी कराई जाती है। दूसरी तरफ, बेगूसराय के नवाकोठी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन कहते हैं कि कटरमाला एवं बारु दक्षिणी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की उपलब्धि और दी जाने वाली सेवाएं पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक हैं। एक स्वास्थ्य प्रमुख होने के नाते हमने भी अपने यहां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मौजूद  चुनौतियों को ध्यान में रखकर उन पर काम करना शुरू किया है, ताकि हम भी समाज के अंतिम पायदान तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पाएं। 

    प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी:

    एनक्यूएएस के नेशनल ऐसेसर डॉ महताब सिंह कहते हैं कि किसी एक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी है। यह प्रयास निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मियों को करना होता है। इसके बावजूद प्रमाणीकरण मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, उसके लिए वित्तीय सोर्स की मजबूती, डेटा मैनेजमेंट, स्किल्ड स्वास्थ्यकर्मी, बेहतर प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यवस्था, निरंतर गैप एनालिसिस, बेहतर इंफ्रा का होना बेहद ही जरूरी है। 

    सामुदायिक सहभागिता और उसका प्रभाव भी जरूरी:

    एनक्यूएएस के राज्य ऐसेसर डॉ धीरेन्द्र का मानना है कि अगर कोई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर वेल ऑक्यूपाइड और सुविधाओं से लैस हो तो भी इसके लिए उस स्वास्थ्य केंद्र के लिए सामुदायिक सहभागिता बहुत मायने रखती है। समुदाय स्वास्थ्य की आवश्यकता, सामुदायिक कार्यक्रम और स्वास्थ्य शिक्षा को बल देना होगा। शायद इसीलिये कटरमाला और बारु हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एनक्यूएएस राज्य में एनक्यूएस प्रमाणीकरण की मिसाल बना है।

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