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    बढ़ती जनसंख्या पर रोक हेतु लोगों को जागरूक करना जरूरी

    - परिवार कल्याण कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

    - एएनएम, जीएनएम, स्टॉफ नर्स एवं सीएचओ को दी गईं परिवार नियोजन के सम्बन्ध मे जानकारी

    मोतिहारी। जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले के अनुमंडलीय अस्पताल चकिया मे परिवार कल्याण कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एएनएम, जीएनएम, स्टॉफ नर्स एवं सीएचओ को परिवार नियोजन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गईं। उपाधीक्षक डॉ. चंदन कुमार, बीसीएम धर्मेन्द्र कुमार, परिवार नियोजन परामर्शदाता सुधीर कुमार, संजीव कुमार पाण्डेय, निकिता प्रतिनिधि पीएसआई इंडिया एंव अमित कुमार पिरामल स्वास्थ्य ने स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया। अमित कुमार ने बताया की इस उन्मुखीकरण में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को परिवार नियोजन के उपलब्ध स्थाई एंव अस्थाई साधनों की जानकारी एवं उपयोग मे बढ़ोत्तरी को लेकर विस्तार पूर्वक समझाया गया, जिससे जिले की उपलब्धि में बेहतर सुधार लाया जा सके एवं महिलाओं में हो रहे अनचाहे गर्भ को रोक जा सके। उनमुखीकरण प्रशिक्षण के दौरान महिला बंध्यकरण, पीपीआई यूसीडी, इन्जेक्शन अंतरा एंव संस्थागत प्रसव पर स्वास्थ्य उप केन्द्रवार डाटा प्रस्तुत किया गया।

    बढ़ती जनसंख्या पर रोक हेतु लोगों को जागरूक करना जरूरी:

    डीसीएम नंदन झा ने कहा कि जिले की बढ़ती जनसंख्या पर रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक करते हुए सरकार के निर्देश के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। जिसमें महिला बंध्याकरण,  पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। उन्होंने बताया कि जिले में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा सारथी रथ से माइकिंग व सघन प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाता है। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत महिलाओं का बंध्याकरण, सामान्य महिलाओं को कॉपर टी लगाया जाता है। एमपीए अंतरा इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां, माला एन, छाया की गोली, कंडोम स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मि योग्य दंपतियों से मिल परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक करें। 

    सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर मिलती है आर्थिक सहायता:

    डीसीएम नंदन झा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निः शुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जाती है।

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