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    बच्चों व गर्भवती महिलाओं को रोगों से सुरक्षित करने के लिए हो रहा है नियमित टीकाकरण

    - सदर प्रखंड मोतिहारी के चन्द्रहिया, गोढ़वा, बसतपुर स्वास्थ्य केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्र पर हो रहा है टीकाकरण 

    - 12 प्रकार की बीमारियों से होती है सुरक्षा 

    मोतिहारी। सदर स्वास्थ्य केंद्र मोतिहारी के चन्द्रहिया, गोढ़वा, बसतपुर स्वास्थ्य केंद्र व आंगनबाड़ी केंद्र समेत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्र के साथ ही कई सेशन साइटों पर अभियान चलाकर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा 0-5 वर्ष तक के बच्चों को डिप्थेरिया, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए नियमित टीकाकरण कराया जा रहा है। इस दौरान टीकाकरण स्थल पर स्वास्थ्य जाँच करने के साथ ही गर्भवती महिलाओ का भी टीकाकरण किया जा रहा है। मोतिहारी सदर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि बच्‍चे के शरीर में रोग प्रतिरक्षण हेतु टीके लगाए जाते हैं जिससे बच्‍चे के शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। टीकाकरण से बच्‍चों मे कई सक्रांमक बीमारियों की रोकथाम होती  तथा समुदाय के स्‍वास्‍थ्‍य के स्‍तर में सुधार होता है। 

    इसके अतिरिक्‍त नियमित टीकाकरण के अवसर पर गर्भवती महिलाओं को टेटनस के टीके लगाकर उन्‍हे व उनके नवजात शिशुओं को टेटनस से बचाया जाता है। वहीं चन्द्रहिया स्वास्थ्य केन्द्र पर उपस्थित स्वास्थ्यकर्मी विनोद कुमार राम ने बताया कि बच्चों का डिप्थेरिया, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी, टेटनेस, पोलियो, टीबी व खसरा जैसी 12 गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है। 

    आंगनबाड़ी केंद्रों पर जागरूकता के साथ टीकाकरण की व्यवस्था: 

    मोतिहारी के वार्ड नंबर 15 के साथ ही अन्य आंगनबाडी केन्द्रों पर नियमित टीकाकरण के दौरान एएनएम, आशा, व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के सहयोग से घर घर जागरूक करते हुए टीका से वँचित शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को  बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जा रहे हैं। 

    शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवश्यक है टीकाकरण: 

    डीआईओ डॉ शरतचंद्र शर्मा ने कहा कि नियमित टीकाकरण का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। उन्होंने बताया कि 2023 में भारत की वर्तमान शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 26.619 मृत्यु है, जो 2022 से 3.89% कम है। इसलिए बच्चों की सुरक्षा हेतु नियमित टीकाकरण आवश्यक है।उन्होंने बताया कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षित नर्स के द्वारा नियमित टीकाकरण अभियान संचालित किया जाता है। जो पूर्णतः निःशुल्क होता है। वहीं टीकाकरण साइटों का निरीक्षण भी विभागीय टीम के द्वारा किया जाता है। नियमित टीकाकरण के दौरान टीका से वँचित गर्भवती महिलाओं को टीडी-1, टीडी-2 व बूस्टर टीडी के टीके लगाए जाते हैं। 

    बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है टीकाकरण: 

    सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने कहा कि बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकरण बेहद जरूरी होता है। जिले के सभी प्रखंडों व ग्रामों के स्वास्थ्य विभाग की टीम -आशा द्वारा जन जागरूक कार्यक्रम आयोजित करते हुए प्रचार- प्रसार कर बच्चों का टीकाकरण कराया जा रहा है।

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