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    चमकी बुखार के लक्षणों के साथ बचाव के गुर सिखा रहे हैं जिले के स्वास्थ्यकर्मी

    चमकी बुखार के लक्षणों के साथ बचाव के गुर सिखा रहे हैं जिले के स्वास्थ्यकर्मी

    - बाजार,सड़को के किनारे हैंडबिल बाँटकर फैलाई जा रही जागरूकता

    -स्कूलों में भी बच्चों को किया जा रहा जागरूक

    - मोतिहारी,सदर प्रखंड समेत कई प्रखण्डों में चमकी से बचाव को तत्पर है स्वास्थ्य विभाग

    मोतिहारी, 14 मार्च। पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक जिले में छह माह से 15 वर्ष  तक के बच्चों में चमकी/मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी रहती है। लोग चमकी/मस्तिष्क ज्वर को सही समय पर जान सकें, ताकि इसके लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकें, इसके लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। लोगों को बताया जा रहा है कि चमकी के लक्षण मिलते ही बच्चों को तुरंत सरकारी अस्पताल ले आएं बिल्कुल भी देरी न करें। अस्पताल से दूरी होने पर एम्बुलेंस किराए पर लेकर तुरंत पहुंचे,यात्रा का भाड़ा अस्पताल द्वारा दिया जाएगा।

    चमकी के लक्षणों व उससे बचाव के सिखाए जा रहे हैं तरीके-

    सीएस ने बताया कि - अब जिले भर में जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से चमकी बुखार के लक्षणों को समझाते हुए स्वास्थ्यकर्मी इससे बचाव के गुर बता रहे हैं। जैसे कि बच्चे रात में खाली पेट न सोएं, बेवजह धूप में न निकलें, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें, आदि बातें सिखा रहे हैं। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओआरएस के पाउडर व पारासिटामोल की गोली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि पूर्वी चम्पारण जिले में चमकी के प्रभाव को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि पूर्वी चम्पारण जिला कई वर्षों से चमकी से प्रभावित जिला रहा है। परंतु स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा लोगों को जागरूक करने एवं इलाज व्यवस्था  सुचारू होने के बाद से इसके मामलों में कमी देखी जा रही है।

    स्कूलों, बाजार, सड़क के किनारे हैंडबिल बाँटकर फैलाई जा रही जागरूकता-

    भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, भीबीडीसी कंसल्टेंट अभिषेक कुमार के द्वारा मोतिहारी सदर प्रखण्ड क्षेत्र के लखौरा बाजार में सैकड़ों लोगों के बीच चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें लोगों के बीच हैंडबिल देते हुए इसके लक्षण व बचाव के तौर तरीकों व स्वच्छता के बारे में जानकारी दी गई। स्कूलों में भी बच्चों को चमकी बुखार के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। 

    चमकी से बचने के लिए चौपाल का करें आयोजन-

    डीआईओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले के सभी प्रखण्ड अस्पतालों के प्रभारियों को गर्मियों में होने वाले चमकी बुखार से बचाव को अलर्ट रहने एवं चौपाल का आयोजन कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया हरसिद्धि सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की जा रही हैं। जिले की जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।  

    एईएस से बचाव हेतु सावधानियां-

    - बच्चों को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।

    -  गन्दगी से बचें, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।

    - ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी  लगातार पिलायें।

    - रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।

    -रात में सोने से पहले कुछ मीठा खिलाएं।

    - बुखार होने पर शरीर को पानी से  पोछें।

    -  पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।

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