किसी भी प्रकार का खबर व विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे 6201984873

  • Breaking News

    जीविका सदस्यों को जगरनाथ बसन्त गाँव में सुरक्षित गर्भपात को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

    जीविका सदस्यों को जगरनाथ बसन्त गाँव में सुरक्षित गर्भपात को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

    -20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से समाप्त करने की है इजाज़त: प्रशिक्षक 

    -प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना होता हैं सुरक्षित: राम कृष्णा

    वैशाली, 15 फरवरी 2022

    कोरोना संक्रमण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सुरक्षित गर्भपात करना भी एक तरह से सबसे ज़्यादा चुनौती हैं। इसको लेकर जीविका सदस्यों का उन्मुखीकरण के लिये   औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र, वैशाली एवं साझा प्रयास द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 20 जीविका सदस्यों  को  सुरक्षित गर्भ समापन और एमटीपी एक्ट-1971 के विषय में विस्तृत रूप से बताया गया। इस अवसर जीविका की स्थानीय सोशल मोबेलाइजर मिन्ता देवी मौजूद रही। कार्यक्रम में आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन पटना एवं साझा प्रयास नेटवर्क के स्थानीय सदस्य संस्था औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र वैशाली के प्रतिनिधि राम कृष्ण उपस्तिथ थे

    असुरक्षित गर्भपात के संबंध में चिकित्सकीय सलाह की दी गई जानकारी: 

    प्रशिक्षक राम कृष्णा ने बताया कोरोना संक्रमण काल के समय महिलाओं को कई विषम परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ा हैं। इस दौरान कई ऐसी महिलाएं है जो अनचाहे रूप से गर्भवती हो गई हैं। संक्रमण काल होने के कारण वह अपना सुरक्षित रूप से गर्भपात भी नहीं करा सकी हैं। जिस कारण वह सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधा का लाभ लेने से वंचित रह गई। लिहाजा उन महिलाओं का गर्भ अब 2 से 3 माह का हो चुका है। इसलिए उनका सुरक्षित रूप से चिकित्सकीय परामर्श अतिआवश्यक है। ताकि उनका सुरक्षित रूप से गर्भ समापन किया जा सके। इसको लेकर हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है। खासकर सामाजिक रूप में इसे लेकर जागरूकता लाने की बहुत ज़्यादा जरूरी है।

    प्रशिक्षक राम कृष्ण ने बताया एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी) एक्ट-1971 में निहित कुछ शर्तों के आधार पर कोई भी महिला 20 सप्ताह तक के गर्भ को कानूनी रूप से गर्भपात करा सकती है। लेकिन एमपीटी एक्ट में कुछ शर्तों का जिक्र भी किया गया है। जिसका अनुपालन अनिवार्य रूप से करना अनिवार्य रूप से करना जरूरी होता है। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज का होना भी नितांत आवश्यक होता हैं। लेकिन इस दौरान गर्भपात कराने वाली महिला का विशेष ध्यान रखना होगा ताकि  उनका सुरक्षित रूप से गर्भपात हो सके। इसके लिए उनके परिजनों को खास ध्यान रखने की आवश्यकता है

    प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना होता है राम कृष्ण ने यह भी बताया कानूनी रूप से सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क गर्भपात कराने की सुविधा उपलब्ध है। इस दौरान विशेष परिस्थिति होने पर एंबुलेंस की मदद से महिला मरीज को नि:शुल्क रूप से हायर सेंटर भेजने की सरकारी सुविधा भी उपलब्ध है। जिसका लाभ सभी को लेनी चाहिए। कानूनी तौर पर 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैध माना जाता हैं। लेकिन 12 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित महिला रोग विशेषज्ञ एवं 12 सप्ताह से ऊपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में 2 प्रशिक्षित चिकित्सकों की उपस्थिति में सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की मौजूदगी में गर्भपात कराना चाहिए। इस दौरान माहवारी को लेकर विशेष रूप से सफाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी।

    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728