बच्चों को अनीमिया मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष पहल
बच्चों को अनीमिया मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष पहल
•प्रत्येक माह की 19 तारीख को किया जाएगा आयरन फॉलिक एसिड सिरप का वितरण
•गृह भ्रमण कर किया जाएगा फॉलोअप
•कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समीति ने पत्र जारी कर समेकित बाल विकास विभाग को दिए निर्देश
•वैशाली जिले के 77.1 प्रतिशत 6 से 59 माह के बच्चे हैं एनीमिया से ग्रसित
वैशाली / 14 फ़रवरी- 6 से 59 माह के बच्चों के बीच रक्तअल्पता या एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। एनीमिया बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सबसे बड़े अवरोधक का काम करता है। बच्चों में कम आयरनयुक्त आहार का समावेश एवं सेवन तथा अन्य बढ़ती शारीरिक आवश्यकताओं के कारण छोटे बच्चों में एनीमिया से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इस सन्दर्भ में कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समीति, बिहार संजय कुमार सिंह ने निदेशक, समेकित बाल विकास विभाग को पत्र जारी हर माह आंगनवाड़ी केन्द्रों पर होने वाले अन्नप्रासन कार्यक्रम में 6 माह और उससे ऊपर के बच्चों को जिनकी आयु 5 वर्ष से कम हो उन्हें उपलब्ध आयरन सिरप पिलाने की और ध्यान आकृष्ट किया है।
प्रत्येक माह की 19 तारीख को किया जाएगा आयरन फॉलिक एसिड सिरप का वितरण:
जारी पत्र में बताया गया है कि बच्चों में अनीमिया एक गंभीर बीमारी है, जो बच्चों की वृद्धि एवं विकास को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। अनीमिया मुक्त भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रत्येक माह की 19 तारीख को आयरन फॉलिक एसिड (आइएफए) सिरप का वितरण अन्नप्रासन दिवस पर कराया जाएगा। इसे छह माह से 59 माह के बच्चों के बीच आशा की उपस्थिति में आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से वितरीत किया जाएगा। इसके साथ -साथ माताओं को भी आयरन सिरप की खुराक देने की विधि की जानकारी एवं महत्व को बताया जाएगा।
गृह भ्रमण कर किया जाएगा फॉलोअप:
पत्र में बताया गया है कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा गृहभ्रमण के समय बच्चों के खुराक के वितरण का फॉलोअप भी किया जाएगा, ताकि इसका अच्छा परिणाम बच्चों पर पड़े। जिससे अनीमिया दर में कमी लाना संभव हो पाएगा। अनीमिया मुक्त भारत के अंतर्गत छह से 59 माह के बच्चों के लिए आयरन सिरप की खुराक घर- घर जाकर आशा के माध्यम से वितरण करने का प्रावधान है। अन्नप्राशन दिवस के दिन आयरन फॉलिक एसिड की उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा के माध्यम से करायी जाएगी।
यह है जिले में एनीमिया की स्थिति:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019 -20) के अनुसार जिले में 6 से 59 महीने आयुवर्ग के 77.1 प्रतिशत बच्चे रक्तअल्पता के शिकार हैं तथा इसपर तुरंत ध्यान देने की जरुरत है।
No comments