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    राज्यस्तरीय कायाकल्प टीम ने किया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण

    राज्यस्तरीय कायाकल्प टीम ने किया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण

    - स्वास्थ्यकर्मियों को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण दिया गया 

    - सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर में आशा व स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण 

    - जिले के सदर अस्पताल को दो बार प्रथम अवार्ड मिल चुका है

    मोतिहारी, 10 फरवरी। जिले में राज्य स्तरीय कायाकल्प टीम के सदस्यों द्वारा  सदर अस्पताल के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान आशा व स्वास्थ्य कर्मियों को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण व गुणवत्ता स्कीम समिति का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग की 3 सदस्य टीम डॉ गौरव ओझा, पीयूष कुमार चंदन, व प्रीति कुमारी द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की साफ सफाई, ओटी,  आउटडोर, इंडोर के साथ  दवा व्यवस्था का जायजा लिया गया। वहीं महिला वार्ड की व्यवस्था को सुचारू ढंग से करने की सलाह दी गयी। मौके पर टीम के सदस्य डॉ गौरव ओझा ने बताया कि सदर अस्पताल समेत जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में साफ सफाई की व्यवस्था, ओटी की व्यवस्था से संबंधित कई निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिले के सदर अस्पताल को दो बार प्रथम अवार्ड मिल चुका है।

    इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी की अध्यक्षता में आदापुर प्रखंड गुणवत्ता स्कीम समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सुरक्षित प्रसव की संख्या में वृद्धि हो इसके लिए प्रसव विभाग से संबंधित डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ एवं इमरजेंसी के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को राज्य स्तरीय कायाकल्प टीम द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा प्रसव से संबंधित दवा एवं उपकरण गैप को एक सप्ताह के अंदर पूरा करने का निर्देश प्रखंड प्रबंधक को दिया गया।

    गंभीर बच्चों के इलाज की है व्यवस्था-

    प्रशिक्षण में सांस लेने में दिक्कत होने वाले बच्चे को स्थानीय अस्पताल में इलाज किया जा सके इसपर भी विचार किया गया। चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि गंभीर बच्चों के इलाज से सम्बंधित सभी प्रकार के उपकरणों के साथ डॉक्टर भी अस्पताल में उपलब्ध हैं।

    अस्पताल परिसर में सफाई का निर्देश-

    प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अस्पताल की सफाई पर विशेष जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया कि अस्पताल परिसर, ओटी, सहित अन्य स्थानों में कहीं भी गंदगी नहीं होनी चाहिए। अस्पताल में प्रसव के लिए आई सभी महिलाओं की प्रसव से संबंधित खतरों के लक्षणों की जांच, परामर्श व विशेष निगरानी सुनिश्चित होना चाहिए। कोरोना काल में  अस्पताल परिसर में प्रसव की संख्या कम हो रही इसके लिए आशा के साथ बैठक कर वे ग्रामीणों को जागरूक करें। ताकि अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिए लोग आएं।

    आवश्यक दवाओँ के क्रय का निर्देश-

    प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अस्पताल में हर प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध रखने को कहा है। वहीं कमी के मामलों  में आवश्यक दवाएं हर हाल में खरीद कर रखने का भी निर्देश दिया गया है। गर्भवती महिलाओं का डॉ व नर्सिंग स्टाफ द्वारा बीपी, हीमोग्लोबिन, सुगर, वजन, आदि की  जाँच, टीकाकरण, दवा की वितरण की व्यस्था होनी चाहिए।

    मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण जरूरी-

    केयर के स्वास्थ्य प्रबंधक श्री नारायण सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने व मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रसव पूर्व जांच के साथ जटिलता की पहचान हेतु प्रशिक्षण बहुत जरूरी है। ताकि समय रहते अच्छे से देखभाल की जा सके।

    मौके पर राज्य स्वास्थ्य विभाग की टीम के डॉ गौरव ओझा, पीयूष कुमार चंदन व प्रीति कुमारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार गुप्ता, डॉ प्रियदर्शी, मोनिका गुप्ता ,डॉ मरियम, डॉ असीम, डॉ शमीम, बीएचएम आशीष कुमार,

    सहित कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

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