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    बीच धार में फंसी नाव, फिर भी कृष्णा एएनएम ने टीका वाली नाव का नहीं छोड़ा साथ

    बीच धार में फंसी नाव, फिर भी कृष्णा एएनएम ने टीका वाली नाव का नहीं छोड़ा साथ

    - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ दिलवाने को मिल चुका है पुरस्कार

    - 2007 से कटरा प्रखंड में पदस्थापित हैं कृष्णा                                    

    मुजफ्फरपुर,10 जनवरी। कभी कालापानी के नाम से मशहूर कटरा प्रखंड आज प्रधानमंत्री के मन की बात बन रहा है। कोविड टीकाकरण में इसने जो नजीर देश के सामने रखी है वह सच में अनुकरणीय है। कटरा को कोविड टीकाकरण में अनुकरणीय बनाने में निश्चित ही यहां के स्वास्थ्यकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन्हीं स्वास्थ्यकर्मियों में एक नाम जो विभाग में बार -बार लोगों के जुबान पर आता है वह हैं कृष्णा एएनएम। जो अब वहां कृष्णा दीदी के नाम से भी जानी जाती हैं। 2007 से नियमित रूप से अपनी सेवा दे रहीं कृष्णा ने प्रोफेशनल और व्यक्तिगत दोनों ही दिक्कतों का सामना किया। बावजूद कृष्णा अभी भी अपने काम के प्रति समर्पण से लोगों का दिल जीतती आ रही हैं। उनके इसी समर्पण को देखते हुए जिला प्रशासन ने 2021 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है।

    कोविड टीकाकरण में अविस्मरणीय योगदान:

    एएनएम कृष्णा ने 4 महीने बाढ़ से घिरे कटरा प्रखंड में नाव के सहारे जाकर लोगों का टीकाकरण किया। एक वाक्या सुनाते हुए कृष्णा कहती हैं कि हमलोग टीका वाली नाव से रोजाना की तरह जा रहे थे। लखनदेई और बागमती का संगम था और बीच भंवर में हमारी नाव फंस गयी। उस वक्त मेरे अलावा भी उस पर डॉक्टर , और तीन चार स्वास्थ्यकर्मी बैठे थे। काफी देर और मसक्कत के बाद नाव संभली और किनारे लगी। इसके बाद भी हममें से कोई स्वास्थ्यकर्मी नहीं डिगा और अनवरत कोविड टीकाकरण  चालू रहा।

    13 साल की सेवा में 4 साल बाढ़ में गुजारे:

    कृष्णा कहती हैं कटरा को लोग ऐसे ही कालापानी नहीं कहते हैं। साल में 4 महीने यह बाढ़ में ही डूबा रहता है। ऐसे में अगर मैं कहूं तो 13 साल की सेवा में मैंने लगभग 4 साल बाढ़ में ही गुजारे हैं। बाढ़ के बाद भी पानी ढेर सारा पानी और कीचड़ छोड़ जाती थी। ऐसे में कभी पैदल तो कभी ट्रैक्टर पर भी बैठकर आते थे। मेरी ड्यूटी आउटरीच में थी इसलिए इन सब चीजों का सामना मुझे ज्यादा करना पड़ता था। फिर मेरी ड्यूटी डॉ एच एम करीम ने ओटी रूम में कर दी थी।  तब से अभी तक जिधर भी आउटरीच या विशेष अभियान होता है मुझे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जरूर याद करते हैं। मुझे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत तथा टीका वाली नाव में बेहतर कार्य के लिए  2021 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रशस्ति पत्र भी दिया गया था।

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