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    परेशानियों से लेकर सबक, कृष्णा फैला रही फाइलेरिया पर जागरूकता

    परेशानियों से लेकर सबक, कृष्णा फैला रही फाइलेरिया पर जागरूकता

    - 10 लाख से अधिक खर्च किए, पर नहीं मिली राहत

    - समय रहते खाएं डीईसी व अलवेंडाजोल की गोली

    मुजफ्फरपुर, 20 जनवरी।

    जानकारी का अभाव किसी व्यक्ति को जीवन भर के लिए अपंग बना देता है। इसका दर्द मुसहरी की कृष्णा देवी ही बता सकती हैं। वह 40 वर्ष से अधिक समय से फाइलेरिया से ग्रसित हैं। कृष्णा कहती हैं कि जानकारी के अभाव में ही इस बीमारी पर उनके 10 लाख से अधिक रूपए खर्च हो गए। याद करते हुए कृष्णा कहती हैं, धान की खेती थी। शाम को लौटते वक्त बहुत तेज कपकपी और बुखार आया। लगा कि धान के खेत में किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया होगा। एक निजी अस्पताल में भर्ती हुई तो पता चला कि मैं फाइलेरिया से ग्रसित हूं। 

    जब पांव में आयी सूजन और छिद्र-

    आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी कृष्णा  फाइलेरिया के उपचार में बहुत जगह भटकी। बावजूद इसके कोई दवा इनकी बीमारी को कम नहीं कर पायी। कृष्णा के पति शिवशंकर साह की पीड़ा यह कहते हुए साफ दिख रह थी कि पांव में सूजन बढ़ने और जगह -जगह पांव के फटने से हम डर गए थे। ऐसी बीमारी हमने पहले कभी नहीं देखी थी। घबरा कर आनन -फानन में ऑपरेशन कराने के लिए कर्ज भी लेना पड़ा। इससे कुछ समय के लिए राहत तो मिली, पर इन्हें कोई भी काम करने में अभी भी दिक्कत होती है। 

    बेटी भी हैं फाईलेरिया रोग से ग्रसित- 

    कृष्णा कहती हैं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए उनकी बेटी का भी फाइलेरिया से ग्रसित होना मानसिक रूप से तोड़ने के लिए काफी था, पर समय पर जांच और उपचार से अभी स्थिति नियंत्रण में है। 

    सपोर्ट ग्रुप से जुड़ फैलाती हैं जागरूकता-

    ढेर सारी परेशानियां उठाने के बाद जब कृष्णा को फाइलेरिया के सही उपचार के बारे में पता लगा तो उन्होंने सपोर्ट ग्रुप से जुड़ अन्य फाइलेरिया मरीजों की सहायता के लिए काम करना शुरु किया। कृष्णा कहती हैं जितनी परेशानी मुझे उठानी पड़ी है उतनी परेशानी किसी और को न उठानी पड़े इसलिए काम के समय के बाद मैं सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया पर अवगत कराउंगी। सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से रोग के प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी। वहीं मरीज अपनी बात को सशक्त रूप से रख भी पाएंगे।

    फाइलेरिया में जानकारी ही बचाव -

    जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार कहते हैं कि फाइलेरिया रोग से बचने का सबसे बेहतर उपाय जानकारी है। यह बीमारी परिलक्षित होने में कम से कम 8 से 10 साल लग जाते हैं। जिसमें व्यक्ति को संभलने का मौका नहीं मिलता। इससे बचने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत मिलने वाली डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा भी फाइलेरिया को होने से रोकने में कारगर है। इसलिए वर्ष में एक बार डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली अवश्य खाएं।

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