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    अब वैशाली में आईडीए कार्यक्रम की होगी शुरूआत

    अब वैशाली में आईडीए कार्यक्रम की होगी शुरूआत 


    - राज्य प्रतिनिधियों ने की जिला भीबीडीसीओ से की मुलाकाल 

    - तैयार की कार्यक्रम की रूपरेखा

    वैशाली। 27 जनवरी 

    जिला भीबीडीसी कार्यालय में राज्य फाइलेरिया विभाग तथा राज्य के अग्रणी डेवलपमेंट पार्टनर ने गुरूवार को जिला वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह के साथ बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आईडीए कार्यक्रम की रूपरेखा व गतिविधियों के संबंध में चर्चा व सभी सहयोगी संस्थाओं द्वारा महत्तम सहयोग एवं कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु राज्य सलाहकार फाईलेरिया द्वारा आग्रह किया गया। 

    जिला भीबीडीसी पदाधिकारी ने कहा कि फाईलेरिया मच्छर के काटने से होता है। इस रोग के लक्षण परिलक्षित होने में 8 से 10 वर्ष लग जाते हैं। इस बीमारी के कारण लगभग अपंगता सी आ जाती है। 

    4000 लोगों का नाईट ब्लड सर्वे- 

    जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह ने कहा कि नाईट ब्लड सर्वे का कार्य चल रहा है। जिसमें रात के नौ बजे के बाद व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है। ऐसा इसलिए कि फाइलेरिया के पारासाइट रात में ही ज्यादा एक्टिव होते हैं। यह नाईट ब्लड सर्वे का कार्य स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के संयुक्त दल के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें 4 हजार लोगों का ब्लड सैंपल कलेक्ट करना है। आईडीए कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से कम उम्र, गर्भवती, धातृ महिला, गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति को यह दवा नहीं खिलानी है। वहीं दो से 5 वर्ष के बच्चे को आईवरमेक्टिन नहीं देना है। डॉ. सिंह ने कहा कि जिले के अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए पूरे प्रयास किये जा रहें हैं कि हर लाभार्थी तक फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं पहुंचें और स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही उनका सेवन सुनिश्चित हो। उन्होंने सूचित किया कि जिले में कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए टीमों का गठन किया जाएगा।  आईडीए कार्यक्रम (ट्रिपल ड्रग थेरेपी) के तहत आइवरमेक्टिन, डीईसी व अलवेंडाजोल की गोली खिलायी जाएगी।

    डोज पोल के तहत दवा-

    केयर के सोमनाथ झा ने कहा कि चूंकि यह एमडीए से थोड़ा अलग है, इसलिए दवा सेवन की उम्र भी अलग है। इसमे आइवरमेक्टिन, को 5 वर्ष के उपर वैसे बच्चों को देना है जिनकी लंबाई 90 सेमी या उससे ज्यादा हो। अगर कोई बच्चा 5 वर्ष का है और उसकी लंबाई डोज पोल के मुताबिक नहीं है तो उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। मौके पर जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह, फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ अनुज, सीफार के रणविजय कुमार, केयर के डीपीओ एलएफ सोमनाथ झा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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