किसी भी प्रकार का खबर व विज्ञापन के लिए सम्पर्क करे 6201984873

  • Breaking News

    चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिले में फैलाई जा रही जागरूकता

    चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिले में फैलाई जा रही जागरूकता

    - चिन्तामनपुर मध्य विद्यालय के विद्यार्थियों को चमकी के बारे में किया गया जागरूक

    - सीएस ने सभी चिकित्सा पदाधिकारी को चिकित्सा व्यवस्था व आवश्यक दवाएं  तैयार रखने का दिया आदेश  

    - आशा ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टोला सेवक जनप्रतिनिधि करेंगे एईएस से बचाव को जागरूक

    मोतिहारी। सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को चमकी बुखार से बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर उनके बचाव हेतु चिकित्सा व्यवस्था से संबंधित पत्र जारी कर गाइडलाइन को पालन करने का आदेश जारी किया है। ताकि जिले में गर्मी के मौसम में शुरू होने वाले एईएस/ चमकी बुखार के प्रकोप से जन जागरूकता एवं अस्पताल की सुदृढ़ व्यवस्था के द्वारा बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। सीएस ने बताया कि चमकी बुखार को ले जागरूकता के कारण एवं समय पर इलाज होने के कारण इसकी संख्याओं में पूर्व के सालों की अपेक्षा कमी आ रही है। इसलिए सही समय पर लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है। सीएस ने सभी चिकित्सा पदाधिकारी को चिकित्सा व्यवस्था व आवश्यक दवाएं  तैयार रखने का भी आदेश दिया है।

    विद्यार्थियों को चमकी के बारे में किया गया जागरूक-

    जिले के चकिया प्रखंड के चिंतामणपुर मध्य विद्यालय में शुक्रवार को लगभग डेढ़ सौ छात्रों के बीच एईएस चमकी बुखार के प्रति जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें जिले के वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, वीबीडीसी अभिषेक कुमार के द्वारा बच्चों को चमकी बुखार के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। साथ ही बच्चों को चमकी से बचाव के उपाय बताए गए।  साथ ही स्वच्छता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।

    चमकी से बचने के लिए चौपाल का करें आयोजन-

    डीआईओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि ज्यादा गर्मी पड़ने पर चमकी के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की जा रही हैं। जिले की जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित जानकारी दी जा रही हैं। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ्य बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।  

    अप्रैल से जुलाई तक मस्तिष्क ज्वर की संभावना रहती है-  सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक जिले में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी  रहती है। लोग चमकी / मस्तिष्क ज्वर को सही समय पर जान सकें, ताकि इसके लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकें। 

    एईएस से बचने हेतु सावधानियां-

    - बच्चे बेवजह धूप में घर से न निकलें,

    -  गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।

    - ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।

    - रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।

    - बुखार होने पर शरीर को पानी से  पोछें।

    -  पैरासिटामोल की गोली या सिरप दें।

    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728